PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारे में गहमागहमी का माहौल है. इसबार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प है. एनडीए और महागठबंधन के अलावा कई और भी मोर्चे बनाये गए हैं, जिसमें पूर्व सांसद पप्पू यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी शामिल हैं. पप्पू यादव जन अधिकार पार्टी के संरक्षक हैं, लेकिन उनके इतिहास के बारे में जानकार आप चौंक जायेंगे.
जन अधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एक समय में काफी बाहुबली माने जाते थें. इनके नाम से बड़े-बड़े दबंगों की पैंट ढीली हो जाती थी. बिहार की सियासत में पप्पू यादव की छवि कैसी रही है, उनका इतिहास क्या रहा है, यह किसी से भी छुपा नहीं है. बिहार की राजनीति में खास पहचान बनाने वाले पप्पू यादव 1990 में निर्दलीय विधायक बनकर बिहार विधानसभा में पहुंचे थे.
मधेपुरा के सिंघेश्वरस्थान विधानसभा की सीट से पहली बार विधायक बनने वाले पप्पू यादव बहुत ही कम समय में बहुत आगे निकल गए. मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल और कटिहार जैसे बड़े जिलों में उनका एक बड़ा नेटवर्क है. पप्पू यादव ने 2015 में अपनी जन अधिकार पार्टी बनाई. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में पप्पू यादव ने अपनी लव स्टोरी के बारे में बड़ा खुलासा किया है.
"द लल्लनटॉप" डिजिटल प्लेटफार्म को दिए इंटरव्यू में पप्पू यादव ने कहा कि जब वह पहली बार विधायक बने तब वह 100 से 150 लोगों की सुरक्षा घेरे में रहते थे. लेकिन अक्सर ही वह अपनी सुरक्षा वाले लोगों को छोड़ कर एक लड़की का पीछा किया करते थे. वह लड़की कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी रंजीता रंजन थीं.
पप्पू यादव ने बताया कि "जब वह रंजीता रंजन का पीछा करते थे तब रंजीता रंजन को इस बात का एहसास तक नहीं था कि मैं उसे पसंद करता हूं और उसका पीछा करता हूं." पप्पू यादव ने बताया कि रंजीता से उनकी पहली मुलाकात पटना क्लब में हुई. उन दिनों रंजीता लॉन टेनिस की प्लेयर हुआ करती थीं. पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करतीं थीं. विधायक बनने के बाद गेस्ट के रूप में मैं पटना क्लब गया और वहां मेरी मुलाकात हुई. इसके बाद मैं उनका चोरी छिपे पीछा किया करता था."