BAGHA : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल दो के बाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के जटाशंकर वन परिसर के त्रिवेणी कक्ष संख्या 37 के जंगल में हथियारबंद 2 वन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. वनकर्मियों की टीम ने एक विदेशी पिस्टल लोडेड और तस्करी की शीशम की लकड़ी के साथ दो वन तस्करों को गिरफ्तार किया है. दोनों से पूछताछ कर उनके पूरे गिरोह के बारे में पता लगाया जा रहा है.
पकड़े गए वन तस्कर वाल्मीकिनगर थाना के बिसहा छह आरडी निवासी कृष्ण मोहन चौधरी और टुनाआंलम गंडक कॉलोनी टीना शेड निवासी है. गिरफ्तार वन तस्कर के निशानदेही पर फरार दो वन तस्कर नेयाज हसन और रफीक मियां बिसहा वाल्मीकिनगर के विरुद्ध वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट निर्गत कराया जा रहा है.
इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि मिली सूचना के आधार पर बाल्मीकि नगर वन क्षेत्र अधिकारी महेश प्रसाद, वनपाल प्रभाकर सिंह, वनरक्षी गजेंद्र कुमार सिंह, ज्योति प्रकाश सिंह आदि वन कर्मियों की टीम दैनिक गश्त पर निकले हुए थे. इसी बीच हथियारबंद वन तस्कर पेड़ काट रहे थे टीम जब स्थल पर पहुंची तो वन तस्कर अपने को घीरे देख इधर उधर भागने लगे इस दौरान तस्करों व वन कर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई है. घटनास्थल पर एक विदेशी लोडेड पिस्टल व लकड़ी के साथ दो तस्कर पकड़े गए हैं.
डीएफओ ने बताया कि फरार नेयाज हसन पूर्व में भी लकड़ी काटने के मामले में जेल जा चुका है. उसके संरक्षण में बाल्मीकिनगर में फर्नीचर उद्योग का धंधा भी होता रहा है. दर्जनभर लकड़ी धंधेबाज उसके साथ सक्रिय हैं. उनकी पहचान कर लिया गया है. डीएफओ ने बताया कि बिना अनुमति जंगल में प्रवेश करने पर तीन साल का सजा का भी प्रावधान है. इसलिए वह कैसे और किस हालत में संरक्षित जंगल क्षेत्र में हथियार लेकर प्रवेश किया था. इसकी जांच के लिए वन क्षेत्र अधिकारी महेश प्रसाद के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम को लगाई गई है.
बाल्मीकि नगर वनक्षेत्र के जटाशंकर जंगल में लोडेड पिस्टल के साथ पकड़े गए दो वन तस्करों के निशानदेही पर वन प्रमंडल दो के पांच वन क्षेत्रों में लकड़ी सिंडीकेट का बड़ा खुलासा हुआ है. इस सिंडिकेट में दो दर्जन से अधिक पेशेवर वन तस्कर संलिप्त हैं. जो अलग अलग टीम बनाकर बाल्मीकिनगर, गनौली,हरनाटाड़ मदनपुर चिउतहा वनक्षेत्र के जंगल से कीमती इमारती पेड़ों को काटकर पुराने वाहनों का सहयोग लेकर यूपी तथा बिहार के राजधानी तक भेज रहे हैं। इस नेटवर्क के खुलासा से वीटीआर प्रशासन सकते में है.