Bihar Politics: आ गया फाइनल फैसला, बिहार में RJD के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, दिल्ली में लग गई मुहर, बड़ा सवाल कौन होगा CM उम्मीदवार? Bihar Politics: आ गया फाइनल फैसला, बिहार में RJD के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, दिल्ली में लग गई मुहर, बड़ा सवाल कौन होगा CM उम्मीदवार? बांका से अगवा मुंशी जमुई से बरामद, कुख्यात दो अपराधियों को भी पुलिस ने दबोचा नीतीश को पलटू चाचा कहने पर आनंद मोहन ने तेजस्वी पर कसा तंज, कहा..वो खुद घोलटू भतीजा क्यों बनते है? SAHARSA NEWS: दोस्तों के साथ बाइक से निकले किराना दुकानदार की निर्मम हत्या, मकई के खेत से मिली लाश PURNEA NEWS: महापौर विभा कुमारी ने सुपर सकर मशीन पूर्णिया वासियों को सौंपा, हरी झंडी दिखाकर किया रवाना मांझी की इफ्तार पार्टी में राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल, टोपी पहने नजर आए नीतीश Gopalganj Crime: नहीं थम रहा जमीन विवाद का मामला, चाकूबाजी में एक महिला की मौत दो की हालत गंभीर Bihar Crime: मुफ्त में आइसक्रीम नहीं दिया तो मुंह में मारी गोली, मेले में सरेआम मर्डर बिहार में औद्योगिक विकास की नई लहर...बिहटा बना निवेश और रोजगार का हब, उद्योग मंत्री ने 4 इकाईयों का किया उद्घाटन
28-Nov-2019 06:06 PM
PATNA : औरंगाबाद में केंद्रीय विद्यालय को लेकर अनशन पर बैठे उपेंद्र कुशवाहा पर राज्य सरकार ने जवाबी हमला बोला है. बिहार के दो मंत्रियों कृष्णनंदन वर्मा और अशोक चौधरी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर कुशवाहा के अनशन को पॉलिटिकल ड्रामा करार दिया. दोनों मंत्रियों ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार केंद्रीय विद्यालयों के लिए जमीन नहीं देने जा रही है. बिहार सरकार 12 साल पहले ही ये फैसला ले चुकी है. इसकी खबर उपेंद्र कुशवाहा को है लेकिन फिर भी वे ड्रामा करने में लगे हैं.
मंत्रियों ने कहा-कुशवाहा ड्रामेबाज हैं
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि 2007 में ही राज्य सरकार ने ये फैसला लिया था कि केंद्रीय विद्यालयों के लिए मुफ्त में जमीन नहीं दी जायेगी. राज्य सरकार ने जिस वक्त ये फैसला लिया उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा जदयू के साथ ही थे. उन्हें इस फैसले की खबर भी थी. 2009 में बिहार सरकार ने केंद्र को अपने फैसले की जानकारी भी दे दी. इसके बावजूद उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय राज्य मंत्री रहते औरंगाबाद और नवादा में केंद्रीय विद्यालय खोलने का एकतरफा फैसला ले लिया. राज्य सरकार से न पूछा गया और ना ही इसकी जानकारी दी गयी. बाद में उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मांगने लगे. दोनों मंत्रियों ने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय विद्यालय शुरू कराने की इतनी ही इच्छा थी तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री रहते क्यों नहीं पैसे का प्रबंध किया. केंद्र सरकार अगर पैसे देती तो राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा देती.
केंद्रीय विद्यालय के लिए नहीं देंगे जमीन
बिहार के शिक्षा मंत्री और भवन निर्माण मंत्री ने साफ कहा कि बिहार सरकार केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन नहीं देने जा रही है. केंद्रीय विद्यालयों से बिहार के गरीबों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. उनके लिए बिहार सरकार खुद स्कूल खोल रही है. बिहार सरकार को अपने स्कूलों के लिए जमीन लेने में परेशानी हो रही है. 2020 तक बिहार सरकार को सूबे में 2950 स्कूल खोलने हैं. लिहाजा केंद्रीय विद्यालय के लिए मुफ्त में जमीन देने का सवाल ही नहीं उठता.
अब क्या करेंगे उपेंद्र
राज्य सरकार की दो टूक के बाद उपेंद्र कुशवाहा क्या करेंगे, सियासी हलके में यही सवाल उठ रहा है. तीन दिनों से कुशवाहा मिलर स्कूल में अनशन पर बैठे हैं. सरकार उन्हें दो टूक जवाब दे चुकी है वहीं विपक्षी पार्टियों का साथ नहीं मिल रहा है. राजद का कोई बड़ा नेता उन्हें देखने तक नहीं पहुंचा. उधर, जिला प्रशासन मिलर स्कूल का आवंटन रद्द कर उनके खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दे चुका है. ऐसे में कुशवाहा क्या करेंगे, ये देखना दिलचस्प होगा.