Bihar tourism 2025 : : अब बिहार के इस जिले में भी ले सेकेंगे रोपवे का मजा, इस मंदिर तक पहुंच सकेंगे पर्यटक और श्रद्धालु Bihar election 2025 : 'अनंत सिंह,सूरजभान और सम्राट को वोट देने से अच्छा है चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना...', बोले आरके सिंह- अपराधी और भ्रष्ट नेताओं से बनाए दूरी Special Trains Today: आज यात्रा करने वालों के पास कई विशेष ट्रेनों का विकल्प, इन राज्यों तक सफर करने में होगी आसानी Bihar Assembly Election 2025 : महागठबंधन में घमासान ! 143 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी RJD, अंतिम दिन जारी हुई पूरी लिस्ट; कांग्रेस और वाम दलों से बन गई बात ? Bihar election 2025 : तेज प्रताप यादव के नामांकन जुलूस में प्राइवेट गाड़ी पर पुलिस स्टीकर, दो गिरफ्तार; चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज Success story: पहले अटेंप्ट में UPSC पास, IPS बनी और फिल्मों में छाई; जानिए सिमाला प्रसाद की कहानी Gaya shooting : गया में दिनदहाड़े गोलीकांड, बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ बरसाई गोलियां; एक की मौत Bihar Assembly Election 2025 : NDA से अधिक महागठबंधन दिखा रही युवाओं पर भरोसा, इन सीटों पर 70 पार वाले मैदान में; देखिए पूरी लिस्ट Diwali Firecrackers : दीपावली की रात कबाड़ी की दुकान में भीषण आग, पटाखों की चिंगारी से लाखों का नुकसान Bihar Assembly Election 2025 : चिराग पासवान का बड़ा खुलासा,कहा - इस वजह से 2020 में CM नीतीश के खिलाफ दिया था कैंडिडेट,BJP को लेकर भी कही यह बात
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Jul 2025 02:41:40 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के लगभग सात साल पूर्व मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार से 61.700 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार दरभंगा जिले की तीन महिला तस्करों को विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह मामला 1 दिसंबर 2018 का है, जब जीआरपी की तत्कालीन जमादार सुनीता जायसवाल ने तीनों महिलाओं को गांजा की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपितों में दरभंगा जिले के विष्णुपुर थाना क्षेत्र के गोरियारी निवासी वीणा देवी, सिंहवाड़ा के गोगौल की रेखा देवी और कोरा भकौल क्षेत्र की रामसमिन्द्र देवी शामिल हैं।
विशेष एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के दौरान अपने आठ पुलिसकर्मियों की गवाही दर्ज कराने में तीन वर्ष तक विफलता दिखाई। इसमें शामिल पुलिसकर्मी थे। हवलदार सरवर अंसारी, सिपाही शैलेंद्र कुमार, गोरेलाल, महिला सिपाही रेखा कुमारी, पीटीसी विनोद राय और जांच अधिकारी दारोगा कृष्णा प्रसाद सिंह। 31 दिसंबर 2018 को चार्जशीट दाखिल की गई थी, तथा 6 मई 2022 को आरोप गठन हुआ। इसके बावजूद अभियोजन पक्ष गवाहों को कोर्ट में पेश नहीं कर पाया। कोर्ट ने अंतिम अवसर 30 जून 2025 को भी दिया, लेकिन अभियोजन पक्ष फिर असफल रहा।
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से केवल आरएफएसएल (राज्य अपराध विज्ञान प्रयोगशाला) की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने को अपर्याप्त माना। गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों की कमी के कारण तीनों आरोपितों को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने बरी का निर्णय जिला दंडाधिकारी को भी सूचित किया है। तीनों आरोपी महिलाएं घटना के दिन जेल भेजी गई थीं और बाद में जमानत पर रिहा हुई थीं। गिरफ्तारी के समय आरोपितों ने बताया था कि वे गांजा की खेप लेकर हरिद्वार जा रही थीं। गिरफ्तारी के बाद गांजा जब्त कर लिया गया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की गवाही और साक्ष्य की कमी से केस कमजोर पड़ा और न्यायालय ने तीनों को बरी कर दिया।
विशेष न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने कहा, मुकदमे की कार्यवाही में गवाहों का कोर्ट में उपस्थित होना अनिवार्य होता है। बिना साक्ष्य के आरोप सिद्ध करना संभव नहीं होता। यह मामला भी इसी बात का उदाहरण है। यह घटना बिहार में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के बीच एक अहम मिसाल है, जो न्यायिक प्रक्रिया में उचित साक्ष्यों और गवाहों की भूमिका को दर्शाती है। पुलिस और अभियोजन पक्ष की लापरवाही के कारण गंभीर आरोपित भी बरी हो सकते हैं, जो कानून की सही कार्यवाही के लिए एक चेतावनी है।