UN जनरल असेंबली में PM मोदी कहा - इंडिया ने वर्ल्ड को युद्ध नहीं, बुद्ध दिया, भाषण में बोले - 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य

UN जनरल असेंबली में PM मोदी कहा -  इंडिया ने वर्ल्ड को युद्ध नहीं, बुद्ध दिया, भाषण में बोले - 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य

NEW YORK :  संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में न्यूयॉर्क से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें सत्र को संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने वर्ल्ड को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है. भाषण में पीएम ने दुनिया को भारत की महान परंपरा की याद दिलाई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तीन हजार सालों से भारत की परंपरा अपनेपन की रही है. पीएम मोदी ने कहा कि विश्व ने भले ही टी.बी. से मुक्ति के लिए वर्ष 2030 तक का समय रखा हो, लेकिन हम 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. 

2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. भारत में हुए चुनाव में मिले भारी जनादेश की बदौलत मैं आपके बीच में हूं. मुझे और मेरी सरकार को जनता ने चुना है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा बैंक खाते खुलवाए गए हैं. सरकार ने दुनिया भर के गरीबों में विश्वास जगाया है. इसके अलावा आने वाले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं. हमने पूरी दुनिया को प्रेरक संदेश दिया है और हमारे सपने विश्न के सपनों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है और आज यहां आते समय मैंने संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर मैंने पढ़ा- “नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक”. मैं इस सभा को ये बताना चाहता हूं कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं.

भारत सीडीआरआई बनाने में जुड़ा है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस समय जिन विषयों को उठा रहा है और जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं. इन वैश्विक विषयों और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास करना भारत की सोच है और इसके लिए प्रभावी कदम हमारी सरकार की ओर से उठाए जा रहे हैं. भारत प्राकृतिक आपदाओं का मजबूती से सामना करने वाले आधारभूत ढांचा बनाने में मदद करने वाला संगठन सीडीआरआई बनाने में जुड़ा है.