त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 80 और बिहार में सबसे कम 48 प्रतिशत वोटिंग, 21 राज्यों की 102 सीटों पर हुआ 63 फीसद मतदान

त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 80 और बिहार में सबसे कम 48 प्रतिशत वोटिंग, 21 राज्यों की 102 सीटों पर हुआ 63 फीसद मतदान

DESK : लोकसभा चुनाव के पहले चरण में देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 102 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। पहले चरण में आज हुए कुल 102 सीटों पर 63 प्रतिशत मतदान होने की सूचना है। वहीं सबसे ज्यादा मतदान त्रिपुरा में 80 प्रतिशत और सबसे कम बिहार में केवल 48.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। 


वही मिजोरम में 54.23, नगालैंड में 56.91, पुडुचेरी में 73.37, राजस्थान में 51.91, सिक्किम में 68.06, तमिलनाडु में 62.27, त्रिपुरा में 80.06, उत्तर प्रदेश में 57.77, उत्तराखंड में 53.72, बंगाल में 77.57, अंडमान निकोबार में 56.87, अरुणाचल प्रदेश में 65.79, असम में 71.46, बिहार में 48.23 , छत्तीसगढ़ में 63.41, जम्मू-कश्मीर में 65.08, लक्षद्वीप में 59.02, मध्य प्रदेश में 63.50, महाराष्ट्र में 55.35, मणिपुर में 68.8 और मेघालय में 73.69 मतदान दर्ज किया है। 


बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक बिहार की 4 लोकसभा सीटों पर कुल 48.23 फीसद मतदान हुए हैं। औरंगाबाद में शाम 6 बजे तक 50, गया में 52, नवादा में 41.50 और जमुई में शाम 6 बजे तक 50 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। शाम 6 बजे तक बिहार की इन चारों सीटों पर कुल 48.23 प्रतिशत मतदान होने की सूचना है। यह वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 5 फीसद कम है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने वोटिंग प्रतिशत कम होने के कारणों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी और तेज लू की वजह से आज मतदान का प्रतिशत कम देखने को मिला है। 


बात 2019 के लोकसभा चुनाव की करें तो तब जमुई में 55.21 फीसद वोट पड़े थे। जबकि इस बार मात्र 50 फीसदी मतदान ही दर्ज किया गया है। वही नवादा की बात करें  तो वर्ष 2019 में वहां 49.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। लेकिन 2024 में महज 41.50 फीसद ही वोटिंग हुई है। इसी तरह गया में वर्ष 2019 में 56.16 फीसद मतदान हुआ था लेकिन इस बार गया में मात्र 52 फीसद मतदान दर्ज किया गया है। वहीं, औरंगाबाद में वर्ष  2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 53.63 फीसद मतदान हुआ था, जो इस बार 50 फीसदी पर ही अटक गया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना 2024 के चुनाव में 5 फीसद कम मतदान होने की जानकारी निर्वाचन आयोग से मिली है।


बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि राज्य में पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया है। पहले चरण की वोटिंग में कुल 7903 मतदान केंद्रों पर मतदान किया गया। शाम के 6 बजे तक चारों लोकसभा क्षेत्रों में 48.23 फीसद मतदान हुआ है। जो कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 5 फीसदी कम है। एचआर श्रीनिवास ने बताया कि कुछ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 5 पोलिंग पार्टी को ड्रॉप करने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया है। वहीं कुल सात मतदान केंद्रों पर वोट बहिष्कार की भी सूचना है। इन सातों मतदान केंद्रों पर न के बराबर मतदान होने की सूचना है।


बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चार संसदीय क्षेत्र में औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। चुनाव आयोग की तरफ से पहले चरण में 76.01 लाख से ज्यादा मतदाताओं के मतदान के लिए 7,903 मतदान केंद्र बनाए गए थे। बिहार चुनाव मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीनिवास ने कहा कि सुबह 7:00 से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई थी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शाम 4 बजे तक ही मतदान हुआ है। बाकी सभी जगहों पर 6 बजे तक मतदान संपन्न किया गया है। शाम 6 बजे तक कुल 48.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। 


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार चुनाव के  दौरान कुल 73 लाख रुपये भी जब्त किये गए हैं। साथ ही 1.50 लाख लीटर शराब की भी जब्ती हुई है। नक्सल प्रभावत इलाकों में पोलिंग पार्टी को पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेवा के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया है। कुल 18 ऐसे मतदान केंद्र भी थे, जिनका संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में कुल 76 लाख, 129 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मतदान के दौरान कुल 53 शिकायतें भी आयोग को प्राप्त हुई हैं, जिसका समाधान किया गया है। 


वही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि मतदान के लिए नाव से पेट्रोलियम की गई है। साथ ही सैटेलाइट फोन की भी व्यवस्था की गई है। प्रथम चरण में कुल 55,000 सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया था। कुल 24094 लोगों को बॉन्ड डाउन किया गया जा चुका है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग के प्रतिशत में कुल पांच प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। जिस पर आयोग की तरफ से सफाई भी दी गई है। उन्होंने कहा गया कि बढ़ते तापमान के कारण वोटरों में सुस्ती दिखाई दी है। जिसके कारण मतदान में कमी आई है।