तेजस्वी के आरोप पर BJP का बड़ा पलटवार, डिप्टी सीएम ने कहा - 'नौकरी के बदले खेत लिखवाने वाले...'

तेजस्वी के आरोप पर BJP का बड़ा पलटवार, डिप्टी सीएम ने कहा - 'नौकरी के बदले खेत लिखवाने वाले...'

बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद अहम है। नीतीश सरकार को आज विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। आरजेडी कोटे से स्पीकर बने अवध बिहारी चौधरी को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग में 125 विधायकों ने सरकार के समर्थन में वोट किया जबकि विपक्ष के साथ 112 विधायक ही रहे। स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव वोटिंग से पास होने के बाद सीएम नीतीश ने सरकार का विश्वास मत पेश किया है जिस पर बहस चल रही है। इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला है। 


डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि  मैं बता दूं कि पार्टी के नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी, हमने ईमानदारी से निर्वहन करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, जो व्यक्ति अपने आपको समाजवादी परिवार का कहते हैं, उनका ऐसा चरित्र नहीं होता है। समाजवाद का चरित्र ऐसा नहीं होता कि कथनी और करनी में अलग हो। सत्ता के लिए समझौता करने वाले लोग हैं। 


इसके आगे उन्होंने कहा कि - बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि वंशवाद के कारण विवश होकर इनकी प्रताड़ना हमने देखी है। लोगों का नेचर और सिग्नेचर नहीं बदलता है। कई विधायक ऐसे हैं, जिनमें क्षमता है, लेकिन उन्हें महत्व नहीं दिया गया। बिहार के डिप्टी सीएम सिन्हा ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा कि - ये नौकरी की बात करते हैं। इन्होंने खेत लिखवाकर लोगों को नौकरियां दीं। आपकी सरकार में जंगलराज बना दिया गया था, लेकिन एनडीए सरकार में हमने जंगलराज पर काबू कर नागरिकों को सुरक्षित जीवन दिया है। 


उधर, विजय सिन्हा ने आजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि आपके मन में अहंकार है। आज बिहार को बचाना है। करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। नियुक्ति के नाम पर जमीन लिखवाई। नीतीश कुमार ने बता दिया कि भ्रष्टाचार से अब कोई समझौता नहीं होगा। सिन्हा ने बिना नाम लिए आरजेडी और तेजस्वी यादव पर हमला बोला। विजय सिन्हा ने कहा कि विधायकों को बंधुआ मजदूर बनाया गया। बंधुआ मजदूर की मानसिकता वही अपनाता है, जो परिवारवाद की मानसिकता से ग्रसित होता है। परिवार के हर पद पर आपकी हिस्सेदारी थी। तेजस्वी का बिना नाम लिए विजय सिन्हा ने कहा कि पांच विभाग अपने जिम्मे रखा।  आज सदन में बदले हुए चेहरे और बदली हुई भाषा देखने को मिली। उनका यही हाल था कि अपनी बात कहना और फिर चल देना।