PATNA : नेता प्रतिपक्ष से डिप्टी सीएम तक का सफर तय करने वाले तेजस्वी यादव इस बात को भलीभांति समझ रहे हैं कि सरकार में आने के बाद पार्टी की चुनौतियां पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं। विपक्ष में बैठने पर उनकी पार्टी के ऊपर सबकी नजरें भले ही ज्यादा ना टिकी हो लेकिन सत्ता पक्ष में आते ही तेजस्वी और उनकी पार्टी पर सबकी नजर बनी हुई है। यही वजह है कि तेजस्वी यादव ने राज्य परिषद की बैठक में नई आरजेडी को लेकर कई बड़ी बातें कहीं। तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को क्लियर मैसेज दे दिया कि सत्ता में आने के बाद अहंकार से दूर रहें और जनता के साथ जुड़ कर काम करें, साथ ही साथ लगातार मेहनत संगठन को मजबूत करने पर जोर दें।
बुधवार को राज्य परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप दी। तेजस्वी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करनी है और इसके लिए जरूरी है कि हम संगठन को मजबूत बनाएं और दलितों के साथ पिछड़ों को संगठन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ें। कबीर और रविदास की तस्वीरें हर पोस्टर में होनी चाहिए ताकि लोग उनके आदर्शों से सीख लेते रहें। इतना ही नहीं तेजस्वी ने यह भी कहा कि पार्टी में अब गणेश परिक्रमा वाला दौर नहीं चलेगा। अब काम के बूते ही कुछ हासिल किया जा सकता है, जो केवल गणेश परिक्रमा के चक्कर में लगे रहेंगे उनका भला नहीं हो सकता।
आरजेडी के संगठन का महत्व सरकार से ज्यादा होगा। सरकार में बैठे मंत्री हो या फिर पार्टी के विधायक और विधान पार्षद इन सबकी हैसियत जिलाध्यक्ष से कमतर मानी जाएगी, यानी इसका मतलब यह हुआ कि आरजेडी का जिलाध्यक्ष मंत्री और विधायक से ज्यादा पावरफुल होगा। तेजस्वी ने संगठन और सिद्धांत को लेकर कई बड़ी बातें कही। कई मायनों में तेजस्वी का फार्मूला लालू यादव से अलग दिखा। तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं को कहा कि अब आप सरकार में है और हमारे ऊपर यह जिम्मेदारी है कि हम समाज को कैसे संयमित तरीके से ले चलें। आज बीजेपी विरोध में खड़ी है और वह मौके की तलाश में है। हमें किसी हाल में विरोधियों को मौका नहीं देना है। पुराने दौर को भूल जाइए अब अच्छे आचरण के साथ आगे बिहार को नई दिशा में ले जाना है।