PATNA : इस वक़्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव में विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल किया है. तेजस्वी यादव ने रिकाउंटिंग की मांग की है. तेजस्वी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें कम से कम 20 सीटों पर जानबूझकर हरवाया गया है.
पटना में महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव काफी आक्रोश दिखें. उन्होंने पोस्टल बैलेट रद्द किये जाने को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग शिक्षित हैं, जो जागरूक हैं. उनके वोट को रद्द किया जा रहा है. ऐसा क्यों किया जा रहा है. जब वोट कैंसल ही करना है तो पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान क्यों करवाया जाता है.
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग के मुताबिक पोस्टल बैलेट की गिनती की प्रक्रिया पहले होनी चाहिए. नियमों के मुताबिक वैलिड और इनवैलिड पोस्टल बैलेट को वीडियोग्राफी कर सील करना होता है. मतगणना के 40 दिन तक इसे सील रखा जा सकता है. मतगणना के 40 दिन तक इसे सील रखा जा सकता है. एक सीट पर सौ-पचास नहीं बल्कि 900-900 पोस्टल वोट रद्द किये गए. जब महागठबंधन के उम्मीदवारों ने आरओ से लिखित में मांगा तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया. इसलिए महागठबंधन की मांग है कि रिकाउंटिंग कराया जाये. महागठबंधन के लगभग 20 उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया गया.
उन्होंने एक डाटा पेश करते हुए बताया कि एनडीए को 1 करोड़ 57 लाख 728 यानी कि कुल मतदान का 37.3 और महागठबंधन को 1 करोड़ 56 लाख 88 हजार 458 वोट मिले. यानी कि कुल मतदान का 37.2 प्रतिशत वोट महागठबंधन को मिले. दोनों अलायन्स में सिर्फ और सिर्फ पॉइंट वन (.1) का अंतर है. अगर इसे वोट में कन्वर्ट किया जाये तो 12,270 वोट होंगे. यानि कि एनडीए और महागठबंधन के बीच 12,270 वोट का अंतर है. इसी 12 हजार के अंतर में एनडीए 15 सीट अधिक जीत गया.