PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव बुधवार को पटना पहुंचे थे. उसी वक्त उन्होंने संकेत दे दिया था कि जातीय जनगणना के मसले पर अब उनकी पार्टी आक्रामक रुख अख्तियार करेगी तेजस्वी यादव ने आज प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जातीय जनगणना के मसले पर हम पीछे नहीं हटने वाले. तेजस्वी ने कहा कि इस मसले पर हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने उसके बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन अब तक ना तो प्रधानमंत्री की तरफ से नीतीश कुमार के पत्र का जवाब दिया गया और ना ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुलाकात के लिए वक्त दिया.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपमानित करने का काम कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री को मुलाकात के लिए वक्त नहीं देना और ना ही उनके पत्र का जवाब देना है. यह बताता है कि किस तरह नीतीश कुमार को नजरअंदाज किया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हम इस मसले पर चुप नहीं बैठने वाले. अगर प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के लेटर का जवाब नहीं दिया है. तो इस मसले पर अब मैंने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री को मिलने का वक्त नहीं दे रहे. तो यह बेहद गंभीर बात है. तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज एक पत्र लिखा है.
तेजस्वी यादव ने इस पत्र को भी आज मीडिया के जरिए सामने रखा. तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जातीय जनगणना नहीं कराए जाने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. पिछड़े अति पिछड़े वर्ग को लगातार उपेक्षित रखा गया है और उनकी प्रगति नहीं हो रही है. जातीय जनगणना अगर नहीं कराई गई तो पिछड़ी अति पिछड़ी जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का आकलन हो पाएगा और ना ही उनकी स्थिति में परिवर्तन. इसलिए जरूरी है कि 90 वर्ष पहले जो जातीय जनगणना 1931 में कराई गई थी. उसे एक बार फिर से कराया जाए.
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में राजनाथ सिंह की तरफ से 2019 में दिए गए उस बयान का भी हवाला दिया है, जिसमें जातीय जनगणना कराने का ठोस आश्वासन दिया गया था. तेजस्वी ने कहा कि शायद यही वजह थी कि बिहार जैसे राज्य में 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों पर एनडीए को जीत हासिल हुई. लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार भरोसा तोड़ रही है. फिर यादव ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जनगणना में जातिगत आधार पर आंकड़ों को रखा जाए.
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ बिहार विधान मंडल का प्रतिनिधिमंडल भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाला था. लेकिन अब तक वक्त नहीं दिया गया. तेजस्वी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम सभी धरने पर बैठने को तैयार हैं. नीतीश कुमार को भी सोचना चाहिए कि वह आगे क्या करें.