लोकतंत्र की जननी, वीरों की कर्मभूमि.. बिहार दिवस पर तेजस्वी यादव ने बताया स्वर्णिम इतिहास

लोकतंत्र की जननी, वीरों की कर्मभूमि.. बिहार दिवस पर तेजस्वी यादव ने बताया स्वर्णिम इतिहास

PATNA : बिहार दिवस के भव्य कार्यक्रम का आज मंगलवार को आगाज होगा. बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है. वर्ष 1912 में इसी दिन बंगाल प्रांत से अलग होकर बिहार एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था. राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी बिहार दिवस की बधाई देते हुए बिहर के स्वर्णिम इतिहास को बताया है.


तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि बिहार- लोकतंत्र की जननी, महापुरुषों की जन्मस्थली, धर्मों की उद्गमस्थली, वीरों की कर्मभूमि, ज्ञान, कर्म, संस्कृति, सद्भावना और समरसता की पावन भूमि रही है. मेधा की धरा, इतिहास सुनहरा, प्रकृति का उपहार, संभावनाएँ अपार, यह है हमारा बिहार! बिहार दिवस के अवसर पर आप सबों को हार्दिक बधाई.




आगे तेजस्वी यादव ने लिखा है कि आज का दिन हमारे पुरखों के बलिदान, पराक्रम एवं योगदान को नमन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का सुअवसर प्रदान करता है. साथ ही साथ यह हमें आत्म अवलोकन करने तथा आगे की रूप रेखा तैयार कर नयी ऊर्जा और स्फूर्ति से बढ़ने का संकल्प लेने का भी प्रेरणा देता है.



बता दें कि कोरोना काल की वजह से तीन साल बाद इस बार बिहार दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. पूरे कार्यक्रम का मुख्य मंच पटना के गांधी मैदान में होगा. वहीं, एसके मेमोरियल हॉल में भी बिहार दिवस के मौके पर कई कलाकार प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम 22 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलेगा.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 मार्च को संध्या 5:30 बजे गांधी मैदान के मुख्य मंच से कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे और 24 मार्च को महामहिम राज्यपाल फागू चौहान मुख्य मंच गांधी मैदान से कार्यक्रम का समापन करेंगे. इस बार बिहार दिवस के पूरे कार्यक्रम का थीम जल जीवन हरियाली है. कार्यक्रम का देख-रेख शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसमें सभी विभाग की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है.