PATNA : आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बड़े हसरतों के साथ 4 साल पहले परिवार के अन्य लोगों को साइड करके तेजस्वी को पार्टी की कमान सौंपी थी. लालू यादव को ऐसा लगता था कि तेजस्वी पार्टी के लिए कुछ कर सकते हैं, तेजस्वी ने 3 साल तो पार्टी के नेतृत्व संभाला भी, सड़क से लेकर सदन तक मुखर दिखे. लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी ने पार्टी से दूरी बना ली.
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पार्टी और परिवार दोनों मंझधार में
लालू यादव की 22 साल पुरानी पार्टी आरजेडी और उनका परिवार दोनों की हालत ठीक नहीं है. तेजस्वी करीब ढाई महीने से ज्याद वक्त से एकांतवास में हैं और लालू परिवार के अंदर क्या चल रहा है किसी से छिपा भी नहीं है.
लालू फैमिली सदस्यता अभियान से गायब
आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए बिहार की सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. 2 साल बाद ही सही आरजेडी ने सदस्यता अभियान की शुरूआत की. हल्ला था कि तेजस्वी यादव सदस्यता अभियान की शुरूआत करेंगे लेकिन तेजस्वी छोड़िए लालू फैमिली का कोई भी सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ.
तेजप्रताप के साथ भी खड़े नहीं हैं तेजस्वी
सबको पता है कि तेजप्रताप यादव और ऐश्वर्या राय प्रकरण आगे बढ़ता जा रहा है. तेजप्रताप खुद को अकेला महसूस भी कर रहे हैं लेकिन ऐसे मौके पर भी तेजस्वी यादव अपने भाई के साथ खड़े होने में संकोच बरत रहे हैं.
तेजस्वी किससे हैं नाराज
पटना में रहते हुए तेजस्वी ने पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेना जरूरी नहीं समझा. इसके अगले दिन राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में शामिल तो हुए. कार्यसमिति की बैठक में मीसा और तेजस्वी के बीच की दूरी खुलकर सबके सामने दिखी. उसके बाद तेजस्वी यादव दिल्ली कूच कर गए. इसके बाद से अभी तक लौटकर नहीं आए हैं. सवाल लाजिमी है कि आखिर तेजस्वी यादव किससे इतने खफा हैं.