PATNA: बिहार में बेलगाम हो रहे अपराधियों पर अंकुश लगा पाने में विफल रहने वाले थानेदार महफूज हैं. हां, शराबबंदी के लिए सूबे के चार थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने पटना के कंकड़बाग समेत सूबे के चार थानों के थानेदारों को निलंबित कर दिया है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो रही है, जिसके तहत उन्हें 10 साल तक थानेदारी नहीं दी जा सकती है.
निलंबित थानाध्यक्षों में पटना के कंकड़बाग थानाध्यक्ष, वैशाली के गंगाब्रिज थानाध्यक्ष और मुजफ्फरपुर के अहियापुर व मीनापुर थानाध्यक्ष शामिल हैं. कार्रवाई सीधे पुलिस मुख्यालय से हुई है. आरोप है कि इन थानेदारों ने शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई करने में लापरवाही बरती है.
पुलिस मुख्यालय ने रविवार की शाम सूबे के जिन चार थानेदारों को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई का एलान किया है, उनके नाम हैं-
1. अजय कुमार (इंस्पेक्टर) कंकड़बाग, पटना
2. दिनेश कुमार (इंस्पेक्टर) अहियापुर, मुजफ्फरपुर
3. अविनाश चंद्र (इंस्पेक्टर) मीनापुर, मुजफ्फरपुर
4. पंकज कुमार संतोष (सब-इंस्पेक्टर), गंगाब्रिज थाना, वैशाली
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के डीजीपी ने सीधी कार्रवाई कर पटना के कंकडबाग, मुजफ्फरपुर के अहियापुर और वैशाली के गंगा ब्रिज थाने के थानेदारों को निलंबित किया है. वहीं मुजफ्फरपुर के मीनापुर के थानेदार पर आईजी मद्यनिषेध की ओर से कार्रवाई की गयी है.
थानेदारों पर क्या थे आरोप
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 25 नवम्बर को कंकड़बाग थाना क्षेत्र में मद्यनिषेध की टीम ने कार्रवाई की थी. इसमें अशोक नगर से शराब की बरामदगी हुई थी. इससे पहले भी अशोक नगर में कई बार शराब बरामद हुआ था. इसे गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने कंकड़बाग के थानेदार अजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
वहीं वैशाली के गंगाब्रिज थाना क्षेत्र में भी शराब के कारोबार का मामला सामने आया था. 25 नवम्बर को पुलिस की मद्यनिषेध टीम ने गंगाब्रिज थाने के दीवान टोक स्थित तालाब के पास से चलाए जा रहे शराब भट्ठी को ध्वस्त किया था. वहीं सरायपुर निवासी शराब कारोबारी को स्प्रीट के साथ पकड़ा गया था. शराबबंदी के बावजूद गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र में कारोबार हो रहा था. बिहार के डीजीपी ने इसे थानेदार की विफलता मानते हुए थानाध्यक्ष पंकज कुमार संतोष को निलंबित कर दिया है. मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में भी पुलिस की मद्यनिषेध टीम ने शराब निर्माण की भट्ठियां पकड़ी थी. इसके कारण वहां के थानेदार भी नप गये हैं.
उधर, मुजफ्फरपुर के मीनापुर थानाध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए जनता के बीच शराब और रूपये बांट रहे शख्स पर कार्रवाई करने में लापरवाही की. उन्होंने हिरासत में लिए गए शख्स को उसी की गाड़ी में बैठकर थाना जाने की सुविधा दी, जिस वजह से उसे असामाजिक तत्वों द्वारा जोर-जबरदस्ती कर पुलिस के हाथों से छुड़ा लिया गया. मद्यनिषेध आईजी ने उनके खिलाफ जांच की और रिपोर्ट में कहा कि ये वाकया थानेदार की घोर लापरवाही, अनुभवहीनता और अदूरदर्शिता दिखाता है. आईजी नेसे मीनापुर थानाध्यक्ष को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने की अनुशंसा की थी.