Bhojpur News: अजय सिंह ने जन्मदिन पर 18 गांवों के खिलाड़ियों के बीच खेल किट का किया वितरण, युवाओं में दिखा भारी उत्साह Bhojpur News: अजय सिंह ने जन्मदिन पर 18 गांवों के खिलाड़ियों के बीच खेल किट का किया वितरण, युवाओं में दिखा भारी उत्साह Life Style: बच्चों को जरूरत से ज्यादा मीठा खिलाना पड़ सकता है भारी, हो सकती है यह गंभीर समस्या पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से मचा हड़कंप, 4 महिलाओं की दर्दनाक मौत, 6 की हालत गंभीर Viral Video: चलती बाइक पर रोमांस कपल को पड़ा भारी, पुलिस ने काट दिया भारी भरकम चालान; वीडियो वायरल Viral Video: चलती बाइक पर रोमांस कपल को पड़ा भारी, पुलिस ने काट दिया भारी भरकम चालान; वीडियो वायरल Bihar News: शिक्षक का शव बंद कमरे से बरामद, तलाक के बाद से बढ़ गया था अकेलापन और तनाव Bihar News: शैक्षणिक हब के रूप में विकसित होगा बिहार का यह जिला, एस.सिद्धार्थ ने बताया सरकार का प्लान मुंह में मधुमक्खी जाने से गई थी संजय कपूर की जान, जानें... ऐसी हालत में करना चाहिए कौन सा काम? Bihar News: भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन के लिए 406 भूस्वामियों से ली जाएगी जमीन, गजट जारी
1st Bihar Published by: 8 Updated Wed, 24 Jul 2019 03:21:39 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार विधान परिषद् में आज डिप्टी सीएम सुशील मोदी के विनियोग विधेयक पेश करने के दौरान वित्त विभाग के सारे आलाधिकारी गायब थे. ये मंत्री ही नहीं सदन की अवमानना थी. जब राजद के विधान पार्षदों ने मामले को उठाया तो वित्त विभाग के प्रधान सचिव अधिकारियों की दीर्घा में पहुंचे. सवाल ये उठ रहा है कि क्या डिप्टी सीएम सुशील मोदी को भी अधिकारियों ने हल्के में लेना शुरू कर दिया है. विधान परिषद का वाक्या सदन की परंपरा रही है. जब भी कोई बिल या विधेयक पेश होता है तो विभाग के आलाधिकारी अफसर दीर्घा में मौजूद रहते हैं. जब भी विधेयक पेश करने वाले मंत्री को किसी मसले पर जानकारी लेनी होती है अधिकारी उसे तुरंत उपलब्ध कराते हैं. विधान परिषद में आज डिप्टी सीएम सुशील मोदी जब विनियोग विधेयक पेश कर रहे थे तो अधिकारियों की दीर्घा खाली पडी थी. वित्त विभाग के प्रधान सचिव से लेकर सचिव तक गायब थे. एक जूनियर अधिकारी को वहां बिठाया गया था, जिसे कोरम पूरा हो सके. राजद विधान पार्षदों ने उठाया मुद्दा अधिकारियों की गैरहाजिरी पर डिप्टी सीएम तो खामोश थे. लेकिन राजद के विधान पार्षद रामचंद्र पूर्व को ये बात खटकी. उन्होंने इसे सदन की अवमानना माना और सभापति से शिकायत की. रामचंद्र पूर्वे ने जब सदन में मामले को उठाया तो सुशील मोदी को जबाव देते नहीं बना. तभी तेज गति से चलते हुए वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ अधिकारी दीर्घा में पहुंचे. उनके वहां पहुंचते ही विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी ने उनसे गैरहाजिरी का कारण पूछा. जवाब मिला की वे विधानसभा में थे. हैरानी की बात ये थी कि विधान परिषद में मंत्री विधेयक पेश कर रहे थे और प्रधान सचिव विधानसभा में बैठे थे. क्या सुशील मोदी को भी हल्के में ले रहे अधिकारी नीतीश मंत्रिमंडल को लेकर ये धारणा आम है कि अधिकारी मंत्रियों को गंभीरता से नहीं लेते. इक्का-दुक्का मंत्रियों को छोड़ दें तो ज्यादातर मंत्री अधिकारियों से परेशान हैं. इन दिनों जदयू-बीजेपी में तल्खी की चर्चा आम है. ऐसे में क्या अब डिप्टी सीएम को भी अधिकारियों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया है.