PATNA: वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 50 वाणिज्यकर अंचलों के 700 से अधिक करदाता कारोबारियों, कर सलाहकारों व अंकेक्षकों से जीएसटी से जुड़ी समस्याओं और सुझाव पर करीब ढाई घंटे तक चर्चा करने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिना किसी कारोबार के जीएसटी का फर्जी निबंधन कराने वालों को चेताया. मोदी ने कहा कि सरकार एक अभियान चला कर वैसे लोगों के परिसर का निरीक्षण करेगी जो नया निबंधन तो करा लिए हैं मगर वास्तव में कोई कारोबार नहीं करते हैं.
मोदी ने बताया कि अभी तक 98 ऐसे करदाता पाए गए हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है. ऐसे लोग कागज पर ही 1,921 करोड़ से अधिक का माल मंगा कर 419 करोड़ की करवंचना की है. 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं जिनमें फर्जी कारोबारियों के साथ सीए भी शामिल हैं. इसके साथ ही छह माह तक लगातार विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 7,368 कारोबारियों के निबंधन को रद्द किया गया है. बिहार में 2018-19 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष के 8 महीने में जीएसटी संग्रह में 6.73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्तूबर तक 91,748 करोड़ के उपभोक्ता सामग्री बिहार में बिकने के लिए मंगाए गए जो पिछले साल की इसी अवधि से 3 प्रतिशत अधिक है. इनमें सर्वाधिक 8,242 करोड़ का आयरन एंड स्टील, 3,475 करोड़ का मोबाइल फोन, 3,409 करोड़ के दो व तीन पहिया वाहन और 3,325 करोड़ के सीमेंट शामिल हैं.
मोदी ने कहा कि 20 लाख की जगह अब सालाना 40 लाख तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए निबंधन की अनिवार्यता नहीं होगी जबकि 20 लाख तक टर्नओवर वाले सेवा प्रदाताओं को निबंधन कराना होगा. कम्पोजिशन स्कीम में शामिल कारोबारियों के लिए टर्नओवर की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर डेढ़ करोड़ कर दिया गया है जिन्हें मामूली हिसाब-किताब रख कर नाममात्र का निश्चित कर देना होता है.