PATNA : सिर्फ़ 34 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गये बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनकर पटना के लोग सदमे में हैं. सुशांत ने स्कूली शिक्षा पटना के जिस स्कूल में हुई थी, वहाँ के शि़क्षक से लेकर उनके दौर में छात्र रहे लोग हतप्रभ हैं. वे हैरान हैं कि सुशांत जैसा युवक आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है.
ग़ौरतलब है कि आज ही सुशांत ने मुंबई के बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मुंबई पुलिस के मुताबिक उन्होंने बांद्रा में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली. सुशांत सिंह राजपूत मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे. उनका जन्म राजधानी बिहार की राजधानी पटना में हुआ था और स्कूली शिक्षा पटना के सेंट कैरेंस हाईस्कूल में हुई थी. पटना में दसवीं तक की स्कूली शिक्षा के बाद सुशांत दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल में पढ़ने चले गये थे. फिर आगे उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी.
हतप्रभ हैं स्कूल के शिक्षक
पटना के संत कैरेंस हाईस्कूल के शिक्षकों से आज FIRST BIHAR की टीम ने बातचीत की. वे हतप्रभ थे. स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोंचा था कि सुशांत जैसा प्रतिभाशाली युवक ऐसा कदम उठा सकता है. उन्होंने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत ने सेंट कैरेंस स्कूल से 2001 में दसवीं की परीक्षा पास की थी. स्कूल के एक टीचर ने उस दौर को याद करते हुए बताया कि सुशांत सिंह पढ़ने में बेहतर छात्र थे. स्कूल में पढ़ाई के साथ ही उनको क्रिकेट खेलने का भी शौक था. स्कूल में होने वाले हर एक्ट्रा एक्टिविटी में भी सुशांत सक्रिय रहते थे. स्कूल की हिंदी की शिक्षिका सुनीति बहादुर सुशांत सिंह से जुड़ी यादों को साझा करते हुए भावुक हो गयीं . उन्होेने बताया कि सुशांत हमेशा जॉली मूड में रहते थे. इस कारण सभी शिक्षकों उन्हें प्यार करते थे.
उधर संट कैरेंस हाईस्कूल की मौजूदा प्रिसिंपल सीमा सिंह ने बताया कि वे सदमे में हैं. वे ही नहीं स्कूल से जुड़े सारे लोग स्टॉफ सुशांत सिंह की मौत की खबर सुन कर हतप्रभ है. प्रिंसिपल ने सुशांत सिंह की मौत के बाद समाज को चिंता करने की ज़रूरत है. आज के हालात में अभिभावकों को अपने बच्चे के मेंटल स्थिति को समझने की जरूरत है. बच्चों को भी चाहिए कि अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ अपनी परेशानी को साझा करें. हर समस्या का समाधान है.
कुछ महीने पहले अपने पैतृक गाँव गये थे
वैसे सुशांत मूल रूप से बिहार के पूर्णिया के रहने वाले थे. कुछ महीने पहले वे 17 सालों के पूर्णिया स्थित अपने पैतृक गांव बड़हरा कोठी के मलडीहा पहुंचे थे. घर वालों ने मन्नत माँग रखी थी. इसलिए वे अपने परिवार के साथ मुंडन कराने खगड़िया जिले के बोरने स्थित भगवती मंदिर पहुंचे. इसके बाद नाव से बागमती नदी पार कर अपनी ननिहाल गांव बोरने स्थान पहुंचे थे और माता भगवती मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की थी. सुशांत ने ननिहाल स्थित घर में जाकर कुल देवी का आशीर्वाद लिया था. उसके बाद मंदिर में उनका मुंडन संस्कार किया गया था.