PATNA: बिहार के रहने वाले बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद यहां के कई आईपीएस अधिकारी दुखी हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने परिजनों से जाकर मुलाकात की. सुसाइड से विकास वैभव को दुख पहुंचा है.
इमोशनल हो गए डीजीपी
सुशांत के सुसाइड के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने लिखा कि बिहार की मिट्टी के लाल भारत मां के सपूत और बॉलीवुड के एक्टर सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनियां में नहीं रहे. उनके मामले में हमने महाराष्ट्र के डीजीपी से बातचीत कर जानकारी ली और सुशांत के पटना स्थित आवास पर जाकर उनके शोक संतप्त पिता और परिजनों के दुःख में शरीक हुआ. बहुत करुण दृश्य था. मेरी आंखे नम हो गई. बाहर बहुत सारे मीडिया के साथी बात करने के लिए रोकना चाहे लेकिन मैं बातचीत करने की स्थिति में नहीं था. एक सितारा ,हमलोगों की आंखों का तारा ,बेवक्त ही डूब गया. हम सब शोकाकुल हैं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें .मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार और उनके परिजनों के साथ है.
थोड़ा धैर्य रखते
डीआईजी विकास वैभव ने सुशांत के सुसाइड पर लिखा है कि क्या शीघ्रता थी सुशांत सिंह राजपूत. थोड़ा धैर्य रखते. समाधान निश्चित था .परंतु क्या कहूं ? बिहार की अद्भुत प्रतिभा के दुखद निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. काश पहले कह पाता. जीवन रूपी यात्रा में उद्वेलित करने वाले पल निश्चित आते हैं, परंतु क्षणिक रहते हैं. धैर्य ही समाधान है.
विनय तिवारी ने लिखी कविता
सिटी एसपी विनय तिवारी ने भी सुशांत सिंह राजपूत दुखी हुए. उन्होंने ने लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत पूर्णिया और पटना के थे. यह उम्र जाने की नहीं थी, पर कई बार हम इंसान की व्यक्तिगत स्थिति को समझ नहीं सकते, ईश्वर सुशांत की आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को यह अपार दुःख झेलने की शक्ति भी दे. "रहने को सदा दहर में, आता नहीं कोई, तुम जैसे गए, ऐसे जाता नहीं कोई".