ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Assembly Election : आज पीएम मोदी बिहार की इन महिलाओं से करेंगे बात, जानिए पहले फेज की वोटिंग से पहले क्या है NDA का बड़ा प्लान Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग का बड़ा ऐलान, बिहार चुनाव से पहले एक्जिट पोल पर लगा रोक; निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का प्रयास Bihar News: बिहार में SI पर युवक को तीसरी मंजिल से फेंकने का आरोप, मचा बवाल Bihar elections : पहला चरण मतदान से पहले महागठबंधन का बड़ा ऐलान: महिलाओं, किसानों और कर्मचारियों के लिए किए कई वादे Bihar News: बिहार में करोड़ों रुपये की लागत वाला पुल धंसा, आवागमन हुआ ठप; जनता ने सिस्टम पर उठाया सवाल Patna News: 6 और 7 नवंबर को पटना के सिनेमा हॉल्स में 50% की छूट, लाभ उठाने से पहले यह कार्य अनिवार्य Kartik Purnima 2025: कल है कार्तिक पूर्णिमा, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त Bihar News: बिहार चुनाव से पहले इस जिले में ₹35 लाख जब्त, गुप्त सूचना के बाद प्रशासन की बड़ी कार्रवाई Mokama Crime Case : CID को नहीं मिला दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में कोई ठोस सबूत! जानिए क्या है इसके पीछे की वजह और क्यों हो रही परेशानी Special Intensive Revision: बिहार के बाद अब इन नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में होगा SIR, जानें कब और कैसे करें आवेदन?

Supreme Court: निजी संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, कहा- हर प्राइवेट प्रॉपर्टी सरकार नहीं ले सकती

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 05 Nov 2024 11:51:47 AM IST

Supreme Court: निजी संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, कहा- हर प्राइवेट प्रॉपर्टी सरकार नहीं ले सकती

- फ़ोटो

DELHI: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत की 9 जजों की बेंच ने अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है, जबतक कि उससे सार्वजनिक हित ना जुड़ा हो। 


दरअसल, क्या सरकार किसी व्यक्ति या समुदाय की निजी संपत्ति को समाज के नाम पर अपने नियंत्रण में ले सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल पर अपना जवाब सुनाया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के बहुमत से कोर्ट का फैसला सुनाया। बेंच ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य सरकार अधिग्रहित नहीं कर सकती है। 


कोर्ट ने कहा कि सरकार उन संसाधनों पर दावा कर सकती है जो सार्वजनिक हित के लिए है और समुदाय के पास है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1978 के बाद के उस सभी फैसलों को पलट दिया, जिसमें समाजवादी थीम को अपनाया गया था। इन फैसलों में कहा गया था कि आम भलाई के लिए सरकार सभी निजी संपत्तियों को अपने अधीन कर सकती है।


भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कुछ फैसले इस मामले में गलत हैं कि व्यक्ति के सभी निजी संस्थान समुदाय के भौतिक संसाधन हैं। अदालत की भूमिका आर्थिक नीति निर्धारित करना नहीं है बल्कि आर्थिक लोकतंत्र को स्थापित करने की सुविधा प्रदान करना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई को सुनवाई पूरी करने करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था जिसे मंगलवार को सुनाया गया।