ब्रेकिंग न्यूज़

JDU leader arrest : नचनिया के ठुमके पर हर्ष फायरिंग, शादी में युवक घायल; जदयू नेता को पुलिस ने किया अरेस्ट Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल Bihar revenue officers : फर्जी दफ्तर खुलवाकर वसूली कराने वाले CO- कर्मचारी हो जाएं सावधान, अब अंचल अधिकारियों को लिखित में देना होगा...उनके यहां नहीं चल रहा निजी कार्यालय Baisi accident : साले की शादी में जीजा की दर्दनाक मौत, बारात जाते समय सड़क हादसा में गई जान;मातम का माहौल Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, व्यापार मंडल अध्यक्ष पर की ताबड़तोड़ फायरिंग; बाल-बाल बची जान Bihar Health System: भगवान भरोसे बिहार का हेल्थ सिस्टम! लापरवाही के कारण महीनों से बंद पड़ा करोड़ों की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट; कोरोना काल में बना था जीवन रक्षक Police Transfer Order: पुलिस महकमे में बड़ा पुलिस फेरबदल: इंस्पेक्टर रामसेवक रावत बने सदर थाने के नए थानाध्यक्ष, एसपी का आदेश Bihar assembly election : NDA की ऐतिहासिक जीत के बाद जदयू का सम्मान समारोह, कार्यकर्ताओं को मिलेगा मेहनत का पुरस्कार Bihar news : चिराग पासवान की पार्टी का नेता गिरफ्तार, नाबालिग के किडनैपिंग-रेप के आरोप में कार्रवाई; पुलिस ने लड़की को किया बरामद

Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह

Bihar Land News: बिहार के समस्तीपुर में निबंधन विभाग द्वारा तैयार की गई ‘रोक सूची’ में भारी गड़बड़ी सामने आई है। हजारों वैध ज़मीन मालिकों को बिना जानकारी के उनकी जमीन बेचने से रोका जा रहा है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 07 Jun 2025 03:44:56 PM IST

Bihar Land News

प्रतिकात्मक - फ़ोटो google

Bihar Land News: बिहार के समस्तीपुर में जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ी बड़ी समस्या सामने आ रही है। जिसके कारण करीब 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लग गई है। सरकारी स्तर पर गैर-मजरुआ आम, खास और विभिन्न विभागों एवं बोर्ड की ज़मीन को ध्यान में रखते हुए निबंधन कार्यालय में एक ब्लॉक लिस्ट तैयार की गई है। इस सूची में करीब 84 हजार से अधिक ज़मीनों को शामिल किया गया है।


सूची तैयार करते समय विभागों और बोर्डों ने अपने-अपने खाता-खेसरा नंबर भेजकर कई ज़मीनों पर रोक लगा दी, लेकिन सूची में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। कई वैध ज़मीन मालिकों की संपत्ति भी इसमें शामिल कर दी गई है, जिससे उन्हें अपनी ज़मीन बेचने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।


एक बार जमीन ब्लॉक लिस्ट में चली गई, तो उसे हटवाने के लिए राजस्व विभाग और निबंधन कार्यालय की संयुक्त बैठक का इंतज़ार करना पड़ता है। यह बैठक तभी होती है जब दर्जनों मामले एकत्रित हो जाते हैं। इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, जिससे आमजन को लंबे समय तक परेशानी झेलनी पड़ती है।


ब्लॉक लिस्ट सार्वजनिक नहीं होने के कारण ज़मीन मालिकों को यह भी नहीं पता चलता कि उनकी ज़मीन कब और कैसे सूची में आ गई। एक मामले में, 2020 में रजिस्ट्री करा चुके एक व्यक्ति को हाल ही में पता चला कि उसकी ज़मीन ब्लॉक लिस्ट में चली गई है। अब वह संबंधित विभागों के चक्कर काटने को मजबूर है।


रोक हटाने के लिए DCLR की रिपोर्ट ज़रूरी होती है। रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी पाई गई तो ज़मीन को सूची से नहीं हटाया जाता और फिर से जांच कराई जाती है। हाल की एक संयुक्त बैठक में लगभग दो दर्जन मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन मामलों में सहमति बनी और रोक हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ी, जबकि 6 मामलों को फिर से जांच में भेजा गया।


सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड और केसरे-ए-हिंद जैसी संस्थाओं की जमीनें भी इस ब्लॉक लिस्ट में शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसी ज़मीन पर दावा करता है, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होती है। जिला अवर निबंधक अमित कुमार मंडल के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन की स्थिति की जानकारी निबंधन कार्यालय से प्राप्त कर सकता है कि उसे ब्लॉक लिस्टम में डाला गया है या नहीं।