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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 06 Dec 2025 12:19:09 PM IST
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Bihar revenue officers : बिहार में राजस्व प्रशासन की पारदर्शिता और कार्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। सचिव जय सिंह ने सभी जिलों के समाहर्ताओं को पत्र भेजकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राजस्व कार्य केवल निर्धारित कार्यालय स्थल जैसे अंचल कार्यालय, पंचायत सरकार भवन, राजस्व कचहरी या सामुदायिक भवन से ही संचालित किए जाएँ। किसी भी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा कार्यालय व्यवस्था से खिलवाड़, निजी व्यक्तियों का हस्तक्षेप या अवैध वसूली किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सचिव जय सिंह ने पत्र में बताया कि विभाग को मिली शिकायतों में यह पाया गया कि कुछ हल्का कर्मचारी और अंचल अधिकारी निर्धारित कार्यालयों से इतर निजी स्थानों पर छद्म कार्यालय चला रहे हैं। कई मामलों में अधिकारियों के लैपटॉप और डोंगल का दुरुपयोग निजी दलालों द्वारा किया जा रहा है और आवेदकों से अवैध वसूली की जानकारी भी मिली है। सचिव ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह आचरण सरकारी सेवक के लिए पूर्णतः अस्वीकार्य है।
पत्र में सभी समाहर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग करें और डीसीएलआर, एसडीओ और एडीएम को नियमित औचक निरीक्षण कराएं। साथ ही, सभी राजस्व कर्मचारियों की निर्धारित कार्यालय की सूची अंचल कार्यालयों और संबंधित पंचायत सरकार भवन में नाम और नंबर सहित प्रदर्शित की जाए ताकि जनता को सुविधा सुनिश्चित हो और कर्मचारी केवल अपने तय कार्यालय से ही कार्य करें।
सचिव ने यह भी कहा कि एक से अधिक हल्का प्रभार वाले कर्मचारियों के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की जाए, ताकि वे प्रत्येक निर्धारित स्थल पर समय पर कार्यरत रहें। इसके अलावा, सभी अंचल अधिकारियों से लिखित रिपोर्ट मांगी गई है कि उनके अंतर्गत किसी भी हल्के कार्यालय में कोई समानांतर (Parallel) कार्यालय संचालित नहीं हो रहा है।
राजस्व अभिलेखों के संरक्षण पर भी कड़ा रुख अपनाया गया है। सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अभिलेख केवल अंचल अभिलेखागार में ही रखे जाएं। किसी भी परिस्थिति में अभिलेख किसी कर्मचारी के पास या हल्का कार्यालय में भौतिक रूप से पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
माननीय उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले पर कहा कि पंचायत सरकार भवनों को सरकार ने गांव के प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया है। इसलिए सभी राजस्व कार्यों को निर्धारित स्थल से ही संचालित किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
सचिव जय सिंह ने आदेश दिया कि दलालों के हस्तक्षेप पर पूर्ण रोक लगाई जाए। सभी अंचल और हल्का कार्यालयों का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण किया जाए और निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कर विभाग को रिपोर्ट भेजी जाए।
इस कड़े निर्देश से साफ संदेश दिया गया है कि फर्जी दफ्तर खोलकर अवैध वसूली करने वाले CO और अन्य कर्मचारियों के लिए अब कोई जगह नहीं है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकारी सेवक का कर्तव्य जनता को समय पर और सुविधा के साथ सेवाएं प्रदान करना है। किसी भी प्रकार के निजी कार्यालय संचालन या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस निर्णय से बिहार में राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। वहीं, अधिकारी और कर्मचारी अब अपने निर्धारित कार्यालयों से ही काम करेंगे और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर उन्हें तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा।