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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 07 Jun 2025 06:29:22 PM IST
- फ़ोटो reporter
Bihar News: बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा ‘A’ ग्रेड प्राप्त होना न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह गौरव का क्षण है जिसने यह प्रमाणित कर दिया है कि बिहार अब उच्च शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में मजबूती से खड़ा है।
सम्मिलित प्रयास का परिणाम
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह सफलता विश्वविद्यालय के संकल्प, संजीवनी मेहनत और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। शिक्षकों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, छात्रों और किसानों के सहयोग से जो अकादमिक वातावरण विकसित हुआ है, वही इस गौरवपूर्ण मान्यता का आधार बना है। इस उपलब्धि ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार सरकार द्वारा शिक्षा और कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे विशेष प्रोत्साहन के सकारात्मक परिणाम अब राष्ट्रीय मंच पर दिखने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय को राज्य के शीर्ष संस्थानों में और देश के कुछ NAAC मान्यता प्राप्त कृषि विश्वविद्यालयों की अग्रिम पंक्ति में स्थापित करती है। NAAC की पीयर टीम ने 28 मई से 30 मई तक विश्वविद्यालय का दौरा कर शैक्षणिक, प्रशासनिक, आधारभूत संरचना, अनुसंधान और प्रसार से संबंधित सभी पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया।
यह मान्यता विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्रीय निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। केवल 15 वर्षों की अल्प अवधि में 3.08 CGPA अर्जित कर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। यह गौरवपूर्ण मान्यता विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, समावेशी विकास, अनुसंधान प्रगति, और प्रशासनिक पारदर्शिता की निरंतर साधना का परिणाम है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप
मंत्री ने कहा कि यह ग्रेडिंग राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की भावना के अनुरूप विश्वविद्यालय की कार्यनीति और क्रियान्वयन को भी दर्शाता है। बिहार कृषि रोडमैप का प्रभावी कार्यान्वयन और राज्य सरकार के सशक्त नेतृत्व ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से मेल खाती शैक्षणिक उत्कृष्टता
NEP 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम को बहुविषयक, कौशल-उन्मुख और नवाचार-प्रेरित रूप में पुनर्गठित किया है। NAAC टीम ने पाठ्यक्रम डिज़ाइन और विकास को अत्यधिक सराहा। इसमें परिणाम-आधारित शिक्षा, अनुभवजन्य अधिगम, और उद्योग-अकादमिक सहयोग को प्राथमिकता दी गई है। छात्रों को अंतरविषयक और वैकल्पिक पाठ्यक्रमों का चयन करने, अनुसंधान में प्रारंभिक चरण से भागीदारी करने, और क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा प्राप्त है जो NEP के लचीले, विद्यार्थी-केंद्रित और समग्र विकास की दिशा में एक सराहनीय कदम है। फीडबैक व्यवस्था की मजबूती भी विश्वविद्यालय की विशेषता रही। छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों, नियोजकों और अन्य हितधारकों से नियमित फीडबैक एकत्र कर उसे शिक्षण-प्रक्रिया और नीति निर्माण में लागू किया जाता है।
उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय परिवार को इस उपलब्धि पर हृदयपूर्वक बधाई देता हूं और उनसे अपेक्षा करता हूँ कि वे इस नए मानदंड को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में जुट जाएं। आइए, हम सब मिलकर इस गौरव को स्थायी सफलता में बदलें और बिहार को ज्ञान, विज्ञान और कृषि नवाचार का नेतृत्वकर्ता बनाएँ।