PATNA : बिहार में इन दिनों बिजली कंपनियों की तरफ से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान चल रहा है. राजधानी पटना में यह अभियान तेजी के साथ चलाया जा रहा है. पटना के ज्यादातर इलाकों में बिजली उपभोक्ताओं के घरों और प्रतिष्ठानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुका है. लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ता गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उनका बिजली बिल ना केवल बढ़ा है बल्कि बैलेंस कट के बारे में कोई पुख्ता जानकारी भी नहीं मिल पा रही है.
परेशान उपभोक्ताओं की लंबी फेहरिस्त को देखते हुए बिजली कंपनियों ने अब नई पहल की है. बिहार में अगर आप स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर की समस्या को लेकर कोई शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं तो इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं. फेसबुक और ट्विटर के जैसे फोरम पर उपभोक्ता अपनी शिकायत लिखकर बिजली कंपनी को टाइप कर सकते हैं. ट्विटर पर @BiharEnergy को टैग करते हुए आप अपनी शिकायत लिख सकते हैं.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के पैमाने पर बिहार फिलहाल देश में अव्वल है. बिहार में अब तक के 523000 बिजली उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर लगाए हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर एक तरफ जहां उपभोक्ता यह शिकायत कर रहे हैं कि उनका बिजली का बिल बढ़ा हुआ आ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली कंपनी यह दावा कर रही है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है.
पटना के एजी कॉलोनी इलाके के रहने वाले कमलेश सिंह ने अपने स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर से 2 दिनों के अंदर 15 सौ रुपए का बैलेंस कटने का आरोप लगाते हुए बिजली कंपनी को ट्वीट किया. इसके बाद बिजली कंपनी हरकत में आई है. उधर, बिजली कंपनी के सीएमडी का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से कोई ज्यादा बिल नहीं आता. अगर कोई उपभोक्ता अपना मीटर का लोड बढ़ाना चाहता है तो इसके लिए भी ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है.
दरअसल, बिजली कंपनी उपभोक्ताओं की शिकायत को देखते हुए हरकत में आई है. बिजली कंपनी का कहना है कि स्मार्ट फोन पर ऐप के जरिए हर समस्या का निदान संभव है. लोग मीटर लगवाने के बाद अपने बैलेंस की जानकारी ले सकते हैं. हर दिन कितना बैलेंस काटा इसकी भी डिटेल उपभोक्ताओं को मिल सकती है. बिजली कंपनी के सीएमडी का कहना है कि हर डिवीजन में मीटर जांच केंद्र खुला हुआ है. आज देश में बिहार के स्मार्ट मीटर प्रबंधन की चर्चा हो रही है लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायतों को देखते हुए ऐसा लगता है कि बिजली कंपनी को आने वाले वक्त में खासा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. उपभोक्ताओं की सबसे ज्यादा शिकायत ये है कि जिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लगाया जा रहा है उनका टेस्ट नहीं किया गया है.