शिबू सोरेन की जीवनी पर आधारित बुक पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे, BJP विधायक बोले .... सिर्फ एक नहीं सभी की जीवनी पर बनें बुक

शिबू सोरेन की जीवनी पर आधारित बुक पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे, BJP विधायक बोले .... सिर्फ एक नहीं सभी की जीवनी पर बनें बुक

RANCHI : हेमंत सरकार ने ज्ञानोदय योजना के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों के लिए शिबू सोरेन की पुस्तकों को खरीदने की अनुमति दी है। राज्य सरकार के प्राथमिक विद्यालयों में सुनो बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन (गुरु जी) की गाथा नाम की पुस्तक रखी जायेगी।  वहीं, माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में रखने के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन व ट्राइबल हीरो शिबू सोरेन नामक पुस्तक का क्रय किया जायेगा। 


इसके बाद इस कैबिनेट के इस फैसले को लेकर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि, - अगर गुरु जी की जीवनी को पढ़ाएंगे तो साथ में यदि नीलाम्बर, पीताम्बर, चांद भैरव, बिरसा मुंडा सहित सारे लोगों की जीवनी पढ़ाई जानी चाहिए। सारे क्रांतिकारी के बारे में पढ़ाया जाएगा तो अच्छा प्रभाव पड़ेगा। अन्यथा सिर्फ गुरुजी का पढ़ाना शुरू किया जाएगा तो इस पर कई तरह के राजनीतिक आरोप लगेंगे इसलिए राज्य सरकार से कहना है कि जितने भी हमारे झारखंड के क्रांतिकारी हैं सभी के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाए।


मालूम हो कि, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के जन्मदिन पर सोनके जीवन संघर्ष से जुड़ी तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया था। यह लोकार्पण समारोह मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में होगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे। शिबू सोरेन भी इस अवसर पर मौजूद रहे। जिन पुस्तकों का लोकार्पण होगा, वे हैं -दिशोम गुरु : शिबू सोरेन (हिंदी), ट्राइबल हीरो : शिबू सोरेन (अंग्रेजी) और सुनो बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन (गुरुजी) की गाथा। 


आपको बताते चलें कि, दिशोम गुरु  शिबू सोरेन मूलत: शिबू सोरेन के जीवन के संघर्ष की गाथा है। इस पुस्तक में इस बात की विस्तार से चर्चा की गयी है कि किन हालातों में शिबू सोरेन को स्कूल छोड़ कर महाजनी प्रथा के लिए आंदोलन में उतरना पड़ा। कैसे उन्होंने आदिवासियों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया। कैसे धान काटो आंदोलन चलाया। उनका लंबा समय पारसनाथ की पहाड़ियों और जंगलों में बीता। कैसे शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज को एकजुट कर सामाजिक बुराइयों को दूर करने का अभियान चलाया। 


पुस्तक में इस बात का जिक्र है कि कैसे उन्होंने विनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिल कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया। उनके राजनीतिक जीवन का भी विस्तार से वर्णन है। पुस्तक में शिबू सोरेन के जीवन की रोचक और दुर्लभ तसवीरें भी उपलब्ध हैं। ट्राइबल हीरो : शिबू सोरेन नामक पुस्तक हिंदी का अंग्रेजी में अनुवाद है। तीसरी पुस्तक में शिबू सोरेन के संघर्ष को चित्रावली के माध्यम से बच्चों को बताने का प्रयास किया गया है।