PATNA: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। तीसरे दिन भी सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया है। भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के बाद अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मांफी मांगने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री की गंदी बातों का समर्थन किया है। ऐसे में उन्हें भी सदन से माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद शिक्षा विभाग के अनुपूरक पर सदन में चर्चा हो रही थी। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में जिस तरह की असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, उसके लिए तो उन्होंने माफी मांग ली लेकिन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया था, उन्हें भी उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
बीजेपी के विधायक वेल में पहुंच गए और टेबल पटकने लगे। बीजेपी विधायकों द्वारा सदन में कुर्सी फेंकने की कोशिश की गई। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मार्शल को आदेश दिया कि वे विधायकों के हाथ से तख्ती वापस लेकर सदन से बाहर करें। इसके बावजूद हंगामा कम नहीं हुआ।
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि जब संवैधानिक पद पर बैठने वाले व्यक्ति इस तरह की बात बोलेंगे तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विजय सिन्हा ने स्पीकर को सत्ता पक्ष का प्रवक्ता बोला जिस पर सत्ता पक्ष भी विरोध करने लगा। भारी हंगामें के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही शाम 4.50 तक के लिए स्थगित कर दी।
बता दें कि शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को दोनों ही सदनों में प्रजनन दर पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश ने ऐसी बात कह दी कि सदन में मौजूद महिला सदस्य शर्मसार हो गईं। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने अपने बयान के लिए माफी मांगी और कहा कि वे शर्मसार हैं। मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सेक्स एजुकेशन की जानकारी दे रहे थे। अब विपक्षी दल इस मांग पर अड़े हैं कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी सदन में माफी मांगें।