PATNA : गवर्नेंस को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब शासन को जनता के लिए जवाबदेह बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अधिकारियों को नया फरमान जारी किया गया है। मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है लेकिन अब अधिकारियों को भी जनता की बात सुननी होगी। राज्य सरकार ने जिला से लेकर विभागीय स्तर पर सभी पदाधिकारियों को अपने कार्यालय में आम लोगों से मिलने के लिए निर्देश जारी किया है। अब हफ्ते के हर शुक्रवार को अधिकारी जनता की फरियाद सुनेंगे और सभी अधिकारियों को इसकी सूचना का प्रसार भी करना होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकार की योजनाओं को ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने न्याय के साथ विकास को सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रशासन को ज्यादा संवेदनशील बनाने के मकसद से अधिकारियों को काम करना होगा।
इसके लिए अधिकारियों को किन-किन दिशा निर्देश पर काम करना होगा इसके लिए पूरी गाइडलाइन जारी की गई है। सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार को पदाधिकारियों को राज्य मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया गया है। अन्य दिनों में अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव इलाकों का दौरा करेंगे। इन अधिकारियों की तरफ से विभागीय कार्य की समीक्षा भी इन्हीं दिनों में की जाएगी।
मुख्य सचिव ने अपनी तरफ से जारी निर्देश में कहा है कि प्रमंडल जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी कार्यालय की टाइमिंग में अवश्य तौर पर अपने कार्यालय में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा पदाधिकारियों के आवासीय कार्यालय से कामकाज करने पर भी रोक लगा दी गई है। जिला पदाधिकारियों और वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक के की मौजूदगी में अलग-अलग पदाधिकारियों की नियमित बैठक भी की जाएगी।
सरकार ने आदेश दिया है कि पदाधिकारी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के टोलों का अवश्य भ्रमण करें। ताकि यह तय किया जा सके कि सरकार की योजनाएं गरीबों तक पहुंच पा रही हैं। जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने से पहले मुख्य सचिव से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। जिलों के प्रभारी सचिव अपने जिले में महीने में एक बार अवश्य दौरा करेंगे।