शाह की चुनौती महागठबंधन को कबूल, सीमांचल में रैली की तैयारी

शाह की चुनौती महागठबंधन को कबूल, सीमांचल में रैली की तैयारी

PATNA : मिशन 2024 के लिए निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी और उनके नेताओं से लोहा लेने को तैयार हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह आगामी 23 सितंबर को बिहार आने वाले हैं। अमित शाह की सीमांचल में दो रैलियां होनी है। पूर्णिया और किशनगंज में वह रैलियों को संबोधित करने वाले हैं लेकिन शाह के इस दांव के सामने महागठबंधन ने भी कमर कस ली है।


अमित शाह के दौरे और उनकी रैली का जवाब देने के लिए महागठबंधन में तैयारी की है। महागठबंधन भी सीमांचल में रैलियों की तैयारी में जुट गया है। सीमांचल में महागठबंधन की तरफ से चार रैलियां आयोजित होंगी। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के मुताबिक महागठबंधन की रैली सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी एकजुटता बढ़ाने के लिए होगी। ललन सिंह भले ही सामाजिक सौहार्द की बात कर रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि अमित शाह सीमांचल में जो दांव खेलने जा रहे हैं दरअसल उसकी काट के तौर पर महागठबंधन में रैली करने का मन बनाया है।


दरअसल, अक्टूबर के महीने में सीमांचल सियासत का अखाड़ा बनने जा रहा है। अमित शाह की रैली के जवाब में संयुक्त रुप से महागठबंधन की यह पहली रैली होगी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रविवार को लखीसराय में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की। ललन सिंह ने कहा है कि इस रैली के लिए तेजस्वी यादव ने अपनी सहमति दे दी है और जल्द ही महागठबंधन के नेता आपस में मिल बैठकर रैली की तिथि निर्धारित कर लेंगे। महागठबंधन की रैली के लिए पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार को लेकर विमर्श चल रहा है।