सीट शेयरिंग में JDU को पटना में नितीन नवीन और संजीव चौरसिया वाली सीट चाहिये, कहा - पटना में जदयू के दम पर जीतती है BJP

सीट शेयरिंग में JDU को पटना में नितीन नवीन और संजीव चौरसिया वाली सीट चाहिये, कहा - पटना में जदयू के दम पर जीतती है BJP

PATNA : 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए जब जदयू-भाजपा में सीट शेयरिंग होगी तो नीतीश कुमार की पार्टी पटना में BJP के कब्जे वाली दो सीटें ले लेगी. नीतीश कुमार के खास सिपाहसलार ने ऐसा ही दावा किया है. दावा ये भी है कि पटना में भाजपा जदयू कार्यकर्ताओं के दम पर जीतती है. 


नीतीश के खास सिपाहसलार का दावा
अगर आप इस दावे को हल्के में लेने के मूड में हैं तो अपना इरादा बदल दीजिये. ये दावा नीतीश कुमार के खास सिपाहसलार रणवीर नंदन कर रहे हैं. नीतीश के किचेन कैबिनेट के सदस्यों में शामिल रणवीर नंदन ने कल पटना के जदयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. ये बैठक 2020 की चुनावी तैयारियों को लेकर थी. बैठक में साफ साफ कहा गया कि जदयू इस दफे पटना महानगर की 6 सीटों में से 3 सीटें अपने हिस्से में लेने जा रही है. पटना महानगर की 6 सीटों में पटना साहिब, कुम्हरार, बांकीपुर, दीघा, दानापुर और फुलवारीशरीफ शामिल है. इनमें से सिर्फ एक यानि फुलवारीशरीफ में जदयू के श्याम रजक विधायक हैं बाकी सभी पर भाजपा का कब्जा है. रणवीर नंदन ने अपने कार्यकर्ताओं को कहा कि वे इन क्षेत्रों के सभी बूथों पर तैयारी कर लें. अपने आदमी को तैनात कर दें क्योंकि जदयू हर हाल में तीन सीट पर चुनाव लड़ने जा रहा है.


जदयू के दम पर पटना में जीतती है भाजपा
JDU के कार्यकर्ताओं की बैठक में रणवीर नंदन ने कहा कि पटना में जदयू के कार्यकर्ताओं की तादाद सबसे ज्यादा है. लेकिन जदयू के कार्यकर्ता बेहद सीधे हैं. लिहाजा सरकार की अच्छी योजनाओं का लाभ दूसरे लोग उठा ले जाते हैं. आगे ऐसा नहीं होने जा रहा है. अब जदयू अपना हिस्सा अधिकार के साथ लेगा. अपना अधिकार लेने के लिए जदयू पटना के 6 विधानसभा सीटों के सभी 2200 बूथों पर अपना संगठन खड़ा करने जा रहा है.


जदयू को नितीन नवीन और संजीव चौरसिया की सीट चाहिये
पार्टी के कार्यकर्ताओं के मुताबिक रणवीर नंदन ने ये भी भरोसा दिलाया है कि जदयू हर हाल में दीघा और बांकीपुर सीट लेकर रहेगी. 2010 में भी जदयू ने भाजपा से दीघा विधानसभा सीट ले ली थी और तब वहां जदयू की पूनम देवी चुनाव जीती थीं. ये दीगर बात है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार राजीव रंजन राजद और कांग्रेस के समर्थन के बावजूद दीघा से तकरीबन 25 हजार वोट से हारे थे. वहीं बांकीपुर में जदयू-राजद और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को भाजपा से तकरीबन 40 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था.