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1st Bihar Published by: Updated Mon, 08 Mar 2021 03:57:44 PM IST
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MUZAFFARPUR: बिहार के सरकारी अस्पताल में नसबंदी करवाने के दो साल बाद एक महिला के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। परिवार नियोजन के ऑपरेशन का एक मामला मुजफ्फरपुर उपभोक्ता फोरम तक पहुंचा। जहां ऑपरेशन कराने वाली महिला ने 11 लाख रुपये के हर्जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज कराया है। मामला सरकारी अस्पताल में नसबंदी के 2 साल बाद महिला के गर्भवती होने का है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 16 मार्च तय की गई है। महिला मुजफ्फरपुर के मोतीपुर स्थित महना गांव की रहने वाली है। जिसने 27 जुलाई 2019 को मोतीपुर पीएचसी में परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराया था।
फुलकुमारी के पहले से 4 बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नहीं चाहती थीं। हालांकि कुछ दिन पहले ही उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती हो गई है। वह इस बच्चे के भरण-पोषण के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं। फुलकुमारी ने बताया कि जब वह मोतीपुर पीएचसी में जाकर गर्भवती होने की जानकारी दी तो अल्ट्रासाउंड करवाया गया। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में फुलकुमारी गर्भवती पाई गईं। रिपोर्ट आने के बाद से वह काफी परेशान है। वह खुद हैरान है कि नसबंदी के दो साल बाद वह फिर से गर्भवती कैसे हो गईं। फुलकुमारी के परिजन भी इस रिपोर्ट के आने से हैरान है।
फुलकुमारी ने पांचवे बच्चे के पालन-पोषण के लिए सरकार से 11 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर मांगे हैं। इस मामले पर फुलकुमारी के अधिवक्ता डॉ. एसके झा ने कहा कि यह गंभीर मामला है जिसके लिए स्वास्थ्य महकमे के सर्वोच्च पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं। मामले में प्रधान सचिव के अलावा स्वास्थ्य सचिव, परिवार नियोजन के उपनिदेशक और मोतीपुर पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर को पक्षकार बनाया गया है।अधिवक्ता ने कहा है कि वो फुलकुमारी के न्याय की लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे। परिवार नियोजन के ऑपरेशन के दो साल बाद गर्भवती होने से परिजन भी सकते में हैं और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं।