PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर पर बीजेपी ने जमकर चुटकी ली थी, जिसका अब जेडीयू ने करारा जवाब दे दिया है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि संजय जायसवाल राजनीतिक अग्निवीर बनने को बेचैन हैं।
दरअसल, शनिवार को ललन सिंह के एक बयान पर सियासत तेज़ हो गई थी। संजय जायसवाल ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का सपना देख रहे हैं तो उन्हें फूलपुर से चुनाव जरूर लड़ना चाहिए। बिहार में अब नीतीश कुमार की यही हैसियत रह गई है। इस पर पलटवार करते हुए नीरज कुमार ने कहा है कि संजय जायसवाल राजनीति के अग्निवीर बनने को बेचैन रहते हैं। लेकिन, राजनीतिक तीर से घायल तो होते हैं जैसे जनसंख्या नियंत्रण के फर्जी आंकड़े के मामले, 15 अगस्त 2022 को अपने फेसबुक पोस्ट को डिलीट किया जाना जैसे बहुतेरे उदाहरण हैं। लेकिन अपने राजनीतिक आका को खुश करने के चक्कर में अपमान को भी सम्मान समझने लगते हैं।
नीरज कुमार ने आगे कहा है कि आपकी मजबूरी जगजाहिर है, सत्ता बियोग की पीड़ा है, अपने राजनैतिक आका की चाकरी है। लगता है सत्ता बियोग से आपकी श्रवण शक्ति पर गहरा असर पड़ा है। अथवा अंतर्राष्ट्रीय व्यापारी बाबा राम देव का मेधावटी का सेवन न करने से अधुरा सुनते हैं।
उन्होंने ललन सिंह के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि ललन सिंह ने यह कहा कि '' लोकसभा चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है और मुख्यमंत्री लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह समय आने पर तय होगा। लेकिन इतनी बात जरूर है कि कई राज्यों से उत्तरप्रदेश जहाँ आप फूलपुर की बात कर रहे हैं। अम्बेदकर नगर, मिर्जापुर से भी चुनाव लड़ने का वहां के कार्यकर्त्ता मांग कर रहे हैं। जब चुनाव होगा तब वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे, लड़ेंगे तो कहाँ से लड़ेंगे यह उस समय तय होगा। यह लोगों का जो स्नेह है और नीतीश कुमार जी ने जो अपनी छवी बनाई है। 9 अगस्त के बाद माननीय नीतीश कुमार जी ने विपक्षी दलों को एक सूत्र में बांधने का जो मुहिम चलाया है उसी का परिणाम है कि लोग जगह-जगह से मांग कर रहे हैं।
नीरज कुमार ने कहा कि खैर माननीय ललन बाबू का बयान आपको समझ में आये यह मेरे समझ से परे है। हाँ आपके नेता नरेन्द्र मोदी को नीतीश कुमार के व्यक्तित्व समझ में आता है, यही कारण है कि गठबंधन टूटने के बाद केरल से माननीय प्रधानमंत्री जी के बयान से राजनीतिक चीत्कार सुनाई पड़ा। विपक्षी दलों की एकता की मुहिम एवं बिहार में बने महागठबंधन से आपको अपने राजनीतिक बजूद खत्म होने का खतरा का एहसास हो रहा होगा। ऐसे हम आपको याद दिला देते हैं – हम तो आपके नेता और आपकी पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव में किये गए वायदे जुमला को याद दिलाऐंगे ही परन्तु '' 2014 के लोकसभा चुनाव में बेतिया व बगहा में आदरनीय नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किसानों को निवेश पर 50% मुनाफा जो न्यून्तम समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को मिलेगा का किया गया वायदा का पूरा ना होने पर बेतिया लोकसभा के किसान तो जी का जंजाल बनने वाले हैं। विशेष राज्य का दर्जा, बेरोजगारी, मंहगाई जैसे बुनियादी सवाल का सामना करने का नैतिक बल तो आपके पास नहीं है, धार्मिक उन्माद फैलाने को तो बेचैन रहते लेकिन जातिगत जनगणना पर तो आपकी पार्टी को सांप सूंघ जाता है।
संजय जायसवाल को नीरज कुमार ने धैर्य रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि हर वायदा का हिसाब महागठबंधन और आम जन 2024 के लोकसभा चुनाव में लेगा ''2024 के लोकसभा चुनाव में आपकी वह राजनीतिक दुर्दशा होने वाली है कि ना राजनीति का रीबन आपके पास रहेगा और रीबन का फीता काटने वाला तो राजनीति में लापता ही हो जाऐंगे ।'' विपक्षी एकता की मुहिम दक्षिण के राज्य तेलांगना, दिल्ली में विपक्षी दल के नेताओं का मंतव्य और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कथन से 2024 के लोक सभा चुनाव में विपक्षी दलों की गोलबंदी के संकेत मिलने से आपके राजनीतिक आका तो बेचैन हैं स्वभाविक है आप बिहार में अपनी पार्टी का वजूद बचाने के लिए राजनीतिक अग्निवीर बन रहे हैं लेकिन ' तीर और महागठबंधन ' आपके हर षडयंत्र , फरेब व झूठ का राजनीतिक इलाज करता रहेगा ।