PATNA: सनातन धर्म के डेंगू मलेरिया बताने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। उदयनिधि के विवादित बयान को लेकर पटना की कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है। पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगामी 13 फरवरी को स्टालिन को मौजूद रहने का आदेश जारी किया है।
दरअसल, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से कर दी थी। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से कहा था कि कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और हम सिर्फ विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, उन्हें खत्म करना होता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातन का विरोध नहीं, बल्कि उसे खत्म कर देना चाहिए।
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान को लेकर पटना हाईकोर्ट के वकील डॉक्टर कौशलेंद्र नारायण ने पिछले साल 4 सितंबर को पटना के सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। सीजेएम कोर्ट ने मामले को एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद बीते 6 जनवरी को एमपी एमएलए कोर्ट ने आईपीसी की पांच धाराओं में समन जारी करने का निर्देश दिया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने आज यानी 15 जनवरी को समन जारी कर दिया है और 13 फरवरी को सशरीर कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है। स्टालिन के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनमें 3 से 4 साल की सजा का प्रावधान है।