PATNA : बिहार विधानसभा में आज भाजपा नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण में वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग को दिए जाने वाले पेंशन राशि का मुद्दा उठाया. भाजपा नेता ने कहा कि वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग को 400 रुपये सहायता राशि दी जाती है जो कि बहुत कम हैं. वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग अपने परिवार में परित्यक्त हो जाते हैं और आय का कोई स्रोत नहीं रहने के कारण दोयम दर्जे के नागरिक हो जाते हैं. दिव्यांगों के लिये दिल्ली में 2500 रुपये, हरियाणा में 3000 रुपये, गोवा में 3000 रुपये सहायता राशि दी जा रही है . इसी तरह से अन्य राज्यों में भी तीनों श्रेणी के असहायों की सहायता करने में सरकारें उदार हैं. बिहार में मात्र 400 रुपये ही दिये जा रहे हैं.
अतः सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत देय वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं दिव्यांग सहायता राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर हरियाणा के अनुरूप 3000 रुपये किये जाने हेतु हम सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हैंं.
इसके जवाब में मंत्री समाज कल्याण विभाग मदन सहनी ने कहा कि राज्य सरकार 95 लाख लोगों को सहायता राशि देती है.पेंशन या दूसरे सहायत राशि अन्य प्रदेशों के तुलना में बिहार सरकार नही दे सकती. केंद्र सरकार के तरफ से मात्र 28 फिसदी ही सहायता राशि दी जा रही है, जबकि बिहार को 72 फिसदी राशि देना होता है.
इसपर पूरक पूछते हुए भाजपा नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मैं मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं. मंत्री जी का जो ये उत्तर हुआ ये हसुआ के बिआह में खुरपी का गीत गाया गया. हमें शर्म आती है और दुख होता है कि आज जो मंत्री जी उत्तर दे रहे हैं..वो कहीं से सही नहीं है. आज हमसे छोटे राज्यों में इससे ज्यादा पैसा दिया जा रहा है. हम सरकार से यही चाहते हैं कि इससे राशि बढ़ा कर दी जाए. मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि मानवता के आधार पर इस राशि को बढ़ाया जाएगा या नहीं.