सहयोगी दलों पर बरसे ललन सिंह, बोले... नीतीश पर भरोसा नहीं था क्या.. कि तेजस्वी से कराया गया साइन

सहयोगी दलों पर बरसे ललन सिंह, बोले... नीतीश पर भरोसा नहीं था क्या.. कि तेजस्वी से कराया गया साइन

DELHI : विपक्ष के नेताओं ने लगातार गैर-बीजेपी सियासी दलों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के एक्शन को कटघरे में खड़ा किया है। विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर CBI और ED का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है।विपक्ष ने कहा है कि इन कार्रवाईयों से जांच एजेंसी की साख खराब हो रही है।  हालांक, इस पत्र में महज 9 नेताओं से साइन करवाया गया है।  लेकिन, इसमें एक नाम तेजस्वी यादव का भी शामिल है।  वहीं, इस पत्र को कोई भी चर्चा विपक्षी एकता की मुहीम में लगे नीतीश कुमार से नहीं की गई है। जिसके बाद अब इसको लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह  का बड़ा बयान सामने आया है। 


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने विपक्षी दलों के तरफ से पत्र लिखकर छापेमारी का विरोध करने को लेकर कहा कि, मुझसे किसी ने साइन करने के लिए संपर्क नहीं किया है। सिर्फ 9 लोगों  ने साइन करके प्रधानमंत्री को भेजा है। क्या विरोधी दल को नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है? बिहार में तेजस्वी से साइन करवाया गया लेकिन नीतीश से क्यों नहीं करवाया गया?. इससे तो यहीं जाहिर होता है या तो नीतीश पर भरोसा नहीं है या इसके पीछे भी कोई राजनीति है। 


वहीं, ललन सिंह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने के अलावे और कोई काम किया हो तो बताए? आने वाले 2024 के चुनाव में भी भाजपा सकारात्मक बात पर वोट नहीं मांगेगी। भाजपा के नेताओं ने तय कर लिया है कि अपने पालतू तोतों का इस्तेमाल कर बस विरोधियों की आवाज दबाई जाए और वे इसी काम में जुटे हैं।


इसके साथ ही,ललन सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुये कहा है कि भाजपा विरोधियों को दबाकर तानाशाही राजनीति करना चाहती है। दरअसल जब ललन सिंह से नागालैंड में जदयू विधायक द्वारा बीजेपी गठबंधन को लेकर समर्थन देने का सवाल किया गया तो उनकी नाराजगी उभर आई और उन्होंने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया कि भाजपा देश में अस्थिरता के माहौल को बढ़ाने का काम कर रही है। 


इसके आगे ललन सिंह ने कहा कि, भाजपा के कुछ लोगों ने बिहार में भी हमारी पार्टी को तोड़ने की साजिश रची थी परंतु हमारी पार्टी ने समय रहते उनके षडयंत्र को भांप लिया, इसीलिए हमने उनसे गठबंधन तोड़ लिया। अब यहां सफलता नहीं मिलने के बाद भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में इसी तरह का रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के अनैतिक और तानाशाही कदम पूरे देश में उठाने का काम कर रही है।


इधर, जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नागालैंड में जदयू विधायक द्वारा भाजपा गठबंधन को समर्थन पत्र दिए जाने पर कहा कि जदयू किसी भी रूप में भाजपा को सहयोग नहीं करेगी। नागालैंड की राज्य इकाई द्वारा लिया गया फैसला पूरी तरह से पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी की राष्ट्रीय इकाई ने नागालैंड प्रदेश इकाई को भंग करने का फैसला लिया है।