PATNA : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु और सुभाष यादव का वनवास रक्षाबंधन के दिन भी खत्म नहीं हुआ। बहन राबड़ी देवी से दोनों भाइयों का रिश्ता ऐसा बिगड़ा की राखी के दिन भी उनकी कलाई सुनी रह जाती है।
एक दौर था जब साधु और सुभाष यादव ना केवल राबड़ी बल्कि अपने बहनोई लालू प्रसाद यादव के भी बेहद खास हुआ करते थे। डेढ़ दशक तक जब बिहार में लालू-राबड़ी ने शासन किया तो सरकार में साधु और सुभाष की तूती बोलती थी। माना जाता था कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे लालू या राबड़ी फैसला बाद में लेंगे अगर साधु और सुभाष ने कुछ कह दिया तो उसे अंतिम माना जाए।
लेकिन भाई-बहन के इस रिश्ते में ऐसी खटास आई कि अब रक्षाबंधन के मौके पर भी मिलना नहीं हो पाता। पारिवारिक समारोहों में भी साधु और सुभाष का लालू परिवार में बहुत ज्यादा आना जाना नहीं रहा। रक्षाबंधन के मौके पर आज एक बार फिर से दोनों भाइयों की कलाई सुनी रह गई। हालांकि राबड़ी देवी ने अपने मुंह बोले भाई को राखी जरूर बांधी। लालू परिवार के बेहद करीबी और बिस्कोमान के चेयरमैन सुनील सिंह रक्षाबंधन के मौके पर 10 सर्कुलर पहुंचे और उन्होंने राबड़ी देवी से राखी बँधवाई।