रोजगार देने में फेल है पीएम मोदी की ग्रामीण कौशल योजना, सरकार की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रोजगार देने में फेल है पीएम मोदी की ग्रामीण कौशल योजना, सरकार की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना बेरोजगारों को रोजगार देने में असफल साबित हो रहा है. यह खुलासा खुद सरकार की रिपोर्ट में हुआ है. ग्रामीण विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि चार साल पहले इस योजना में 2 लाख 41 हजार 509 ग्रामीण युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही थी. अब यह संख्या 23 हजार 186 पर सिमट गई है.


खुलासा होने के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस संदर्भ में गंभीरता से उचित कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं. 2014 में शुरू हुई योजना में हर साल 2 लाख से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग, रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था. पिछले 4 साल में स्किल इंडिया के तहत आने वाली इस योजना से रोजगार के लिए ट्रेनिंग पाने वाले ग्रामीण युवाओं में 90 फीसदी की भारी गिरावट आई है. 4 साल पहले 1 लाख 37 हजार को रोजगार मिला था, लेकिन अब यह संख्या घटकर 22 हजार रह गई है.


सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों से आंकड़े मांगे थे. जानकारी आई तो खुलासा हुआ कि ट्रेनिंग से रोजगार पाने वालों का प्रतिशत 90 से अधिक है, लेकिन युवाओं की भागीदारी घट रही है. अब मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि जागरूकता अभियान चलाएं और रोजगार मेले लगाएं. विभिन्न कंपनियों और नियोक्ताओं के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिए गए हैं.


वहीं राज्यों ने इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए केंद्र को भेजी रिपोर्ट में घटती संख्या का ठीकरा कोरोना पर फोड़ा है. कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते न ट्रेनिंग दी जा सकी, न रोजगार मेले लगे. अधिकारी टीकाकरण समेत अन्य सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्त रहे.