ARA : 12 साल की एक दलित बच्ची से रेप के आरोपी RJD विधायक अरूण यादव के सामने सुशासन का सारा शासन नतमस्तक हो गया है. देश भर में जब महिला सुरक्षा को लेकर आक्रोश फैला है लेकिन पिछले 6 महीने से विधायक अरूण यादव मजे से घूम रहा है. पुलिस का हाल ये है कि कोर्ट हर डेट पर फटकार लगा रही है लेकिन आरा की पुलिस विधायक को छूने तक को तैयार नहीं है. नाराज कोर्ट ने डीजीपी को उनकी पुलिस की कारगुजारी से अवगत कराने को कहा है. कोर्ट ने विधायक अरूण यादव की अचल संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है.
अरूण यादव के पैसे और बाहुबल की ताकत
पिछले साल जुलाई में ही 12 साल की एक मासूम दलित बच्ची दरिंदों के चंगुल से बचकर किसी तरह थाने पहुंची थी. उसने जो कहानी सुनायी उसे सुनकर पुलिस को छोड़ कर बाकी सब सन्न हो गये. मासूम बच्ची ने बताया कि उसे एक सरकारी स्कूल से अगवा कर विधायक अरूण यादव के घर पर ले जाया गया और वहां उसके साथ रेप किया गया. जुलाई से लेकर जनवरी तक 6 महीने बीत गये लेकिन अरूण यादव को पुलिस छू तक नहीं पायी. कागज में उसे फरार घोषित कर दिया गया. पुलिस ने एक पुराने जीर्ण-शीर्ण मकान को अरूण यादव की संपत्ति बता कर कुर्की जब्ती की कार्रवाई कर ली. उसके बाद विधायक अरूण यादव की ओर झांकने की जहमत नहीं उठायी गयी.
हर डेट पर पुलिस को फटकार रही है कोर्ट, संपत्ति जब्त करने का आदेश
इस मामले में पुलिस का खेल कोर्ट को भी नजर आ रहा है. लिहाजा हर डेट पर पुलिस को फटकार लग रही है. आरा पॉक्सो कोर्ट ने विधायक अरूण यादव की अचल संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने इस मामले में पुलिस के रवैये पर गहरी नाराजगी जताते हुए डीजीपी को इससे अवगत कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद भी आरा पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ा है.
आरा पुलिस के हैरतअंगेज कारनामे
विधायक अरूण यादव कुख्यात के तौर पर जाना जाता रहा है. कई केस का आरोपी अरूण यादव अकूत संपत्ति का मालिक भी है. अब आरा पुलिस का कारनामा देखिये. जुलाई में नाबालिग लड़की ने विधायक के कुकर्म की कहानी सुनायी. लड़की ने एक इंजीनियर पर भी रेप का आरोप लगाया. पुलिस ने इंजीनियर को तत्काल गिरफ्तार किया लेकिन विधायक दरबार लगाता रहा. तकरीबन दो महीने बाद विधायक के खिलाफ वारंट लेने की औपचारिकता निभायी गयी. फिर विधायक गायब हो गया.
पुलिस ने कुर्की जब्ती का वारंट लिया. आरा के लोग अरूण यादव के आलीशान हवेली को जानते हैं. लेकिन कुर्की जब्ती की कार्रवाई एक पुराने जीर्ण-शीर्ण घर पर की गयी. पुलिस की नजरों में फरार अरूण यादव ने इसी बीच कोर्ट में एक सुलहनामा दायर कर दिया. इस सुलहनामा पर अरूण यादव के हस्ताक्षर थे. कोर्ट भी इसे देख कर हैरान हो गया. पुलिस को जमकर फटकार लगी कि आखिरकार फरार अरूण यादव कैसे सुलहनामा पर साइन कर कोर्ट में भिजवा रहा है. लेकिन पुलिस फिर भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. इस केस के तकरीबन हर डेट पर कोर्ट पुलिस को फटकार लगा रही है. लेकिन अरूण यादव की ताकत क्या है ये आरा का हर आदमी देख रहा है.
हैरत की बात ये है कि अरूण यादव के मामले को खुद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी उठाया था. लेकिन अपनी पुलिस की कारगुजारी पर सुशील मोदी भी खामोश हैं. अब देखने की बात ये होगी कि अरूण यादव की अचल संपत्ति जब्त करने के आदेश पर कौन सी रस्म अदायगी की जाती है.