PATNA : पटना जिले की जिन विधानसभा सीटों पर आरजेडी का दबदबा लंबे अरसे से कायम रहा है, उनमें मनेर विधानसभा सबसे खास है. मनेर विधानसभा सीट पर आरजेडी का कब्जा पिछले 10 साल से रहा है. आरजेडी के मौजूदा विधायक भाई वीरेंद्र तीसरी बार इस सीट से 2015 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और अब एक बार फिर से हैट्रिक लगाने की तैयारी में है.
मनेर विधानसभा सीट पर यादव जनप्रतिनिधियों का कब्जा रहा है. इस सीट पर यादव वोटर निर्णायक भूमिका में है जिसकी वजह से आरजेडी के लिए यह सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है. 3 लाख से अधिक वोटरों में से लगभग एक लाख वोटर यादव जाति के हैं. इसके अलावा समान्य और महा दलित वोटरों की संख्या भी यहां अच्छी खासी है. मनेर विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या 316000 है, जिसमें 165000 पुरुष और 148000 महिला मोटर हैं. भाई बिरेंद्र के खिलाफ अब तक यहां बीजेपी ने श्रीकांत निराला को मैदान में उतारा है लेकिन इस बार श्रीकांत निराला की जगह निखिल आनंद को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. लेकिन क्षेत्र में भाई बिरेंद्र की मजबूत पकड़ बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती बनी हुई है.
इस सीट से श्रीकांत निराला पहली बार 1990 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और पिछली बार उन्हें भाई बिरेंद्र ने 22 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी. भाई बिरेंद्र पहली बार साल 2000 में समता पार्टी के टिकट पर और दूसरी बार 2010 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे 2015 में भी उन्होंने दूसरी बार लगातार जीत हासिल की.मनेर विधानसभा सीट पर यादव जाति के वोटर्स के बीच तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का एजेंडा सबसे ऊपर नजर आ रहा है. बीजेपी ने भले ही यहां से नए उम्मीदवार को मैदान में उतारकर प्रयोग किया हो लेकिन तेजस्वी सेक्टर के आगे बीजेपी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.