PATNA: पटना में आज राष्ट्रीय जनता दल की बैठक के दौरान ऐसा माहौल बना कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक गुस्से में बाहर निकल गये। नाराज श्याम रजक कह रहे थे कि अब इसका फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ही करेंगे। मान मनौव्वल के बाद श्याम रजक बैठक में वापस लौटे।
संगठन के चुनाव में विवाद
दरअसल राजद की ये बैठक पार्टी के पटना जिलाध्यक्ष औऱ महानगर अध्यक्ष चुनने को लेकर बुलायी गयी थी. सांगठनिक चुनाव के दौरान ही विवाद इस कदर बढ़ा कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक को बैठक से बाहर निकल जाना पड़ा. विवाद पार्टी के महानगर अध्यक्ष के चुनाव में हुआ. जिलाध्यक्ष के लिए तो सर्वसम्मति बन गयी थी।
दरअसल राजद के पटना महानगर अध्यक्ष पद के दो दावेदार मैदान में आ गये थे. इस पद के लिए महताब आलम और प्रदीप मेहता ने नामांकन पत्र भरा. लेकिन पार्टी द्वारा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी ने प्रदीप मेहता का आवेदन अधूरा पाया. लिहाजा उनका नामांकन पत्र अवैध घोषित करने का एलान किया. ऐसे में माहताब आलम का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था. इसी बीच राजद नेता आजाद गांधी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी की घोषणा का विरोध किया. वहीं श्याम रजक कह रहे थे कि निर्वाचन पदाधिकारी सही कर रहे हैं. इसके बाद विवाद बढ़ गया।
विवाद बढ़ने के बाद गुस्से में आय़े श्याम रजक बैठक से बाहर निकल गये. वे कह रहे थे कि चुनाव का फैसला अब राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ही करेंगे. इसी बीच महानगर अध्यक्ष प्रत्याशी महताब आलम श्याम रजक को वापस बुलाने के बाहर दौड़े. उन्होंने कहा कि अगर श्याम रजक बैठक में वापस नहीं लौटते हैं तो वे अध्यक्ष पद के लिए किये गये नामांकन को वापस ले लेंगे. इसके बाद श्याम रजक कार्यक्रम में वापस लौटे. विवाद के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने घोषणा की कि महानगर अध्यक्ष के नाम का एलान राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद करेंगे।
जिलाध्यक्ष बनाने की बनी सहमति
उधर, राजद के जिलाध्यक्ष पद को लेकर आम सहमति बन गयी. चुनाव में मौजूद लोगों ने फिर से देवमुनी सिंह यादव को ही जिलाध्यक्ष बनाने का समर्थन कर दिया. राजद के पटना जिलाध्यक्ष पद पर पिछले 25 साल से काबिज देवमुनी यादव के विरोध में किसी ने नामांकन नहीं किया. इसके बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा करने के लिए अधिकृत कर दिया गया.