PATNA : हार के बाद हिचकोले खा रहे महागठबंधन की गिरहें अब एक-एक कर खुल रही है। पहले पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी को महागठबंधन से अलग बताया और उसके बाद कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा के बयान ने विपक्षी दलों के बीच खाई और चौड़ी कर दी।
प्रेमचंद मिश्रा के इस बयान के बावजूद कि बिहार में महागठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद खत्म हो चुका है और उसकी समीक्षा नए सिरे से कांग्रेस आलाकमान करेगी। आरजेडी यह मानने को तैयार नहीं कि महागठबंधन का अस्तित्व खत्म हो चुका है। आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर कोई भी फैसला पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व करेगा। आरजेडी विधायक ने कहा है कि उनकी पार्टी छुटभैये नेताओं के बयान को गंभीरता से नहीं लेती है।
उधर आरजेडी और कांग्रेस के बीच मचे इस रार पर जेडीयू ने यह कहते हुए तंज कसा है कि महागठबंधन में सहयोगी दलों के बीच भरोसा तो पहले ही खत्म हो चुका था अब तो आरजेडी के विधायकों को भी अपने नेता तेजस्वी यादव के ऊपर विश्वास नहीं रहा।
पटना से राहुल सिंह की रिपोर्ट