PATNA : संगठन के पैमाने पर कभी बेहद कमजोर माने जाने वाले जेडीयू ने अब अपने आप को इस मोर्चे पर मजबूत कर लिया है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भले ही पिछले डेढ़ दशक से बिहार की सत्ता पर काबिज रही हो लेकिन संगठन को लेकर कभी भी जेडीयू को मजबूत राजनीतिक दल के तौर पर नहीं देखा गया।
आईएएस अधिकारी रहे और नीतीश के बेहद करीबी आरसीपी सिंह ने जब राजनीति का सफर शुरू किया तो नीतीश ने उन्हें जेडीयू में संगठन को मजबूत करने की जवाबदेही दी। आरसीपी ने लगातार संगठन के मोर्चे पर काम किया और अब उसका असर भी दिखने लगा है। जेडीयू अपने सहयोगी दल बीजेपी से भले ही संगठन के स्तर पर बराबरी नहीं कर पाए लेकिन जेडीयू के अंदर ऐसा पहली बार हुआ है कि पार्टी बूथ स्तर तक संगठन की इकाई बना रही है। संगठन में काम करने हैं का आरसीपी सिंह का अपना एक अलग खास अंदाज है। पार्टी के किसी भी अभियान को वह प्रकोष्ठ स्तर पर अलग-अलग चलाते हैं। जिलों का दौरा करते हैं और हर दिन बैठकों में उसकी समीक्षा। सदस्यता अभियान को लेकर आरसीपी सिंह आजकल यही सब कुछ कर रहे हैं।
आरसीपी सिंह की मेहनत का ही नतीजा है कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता के आंकड़ों में नीतीश कुमार को भी पीछे छोड़ दिया है। आपको बता दें कि जेडीयू ने इस साल सदस्यता को लेकर कोई लक्ष्य तय नहीं किया, बावजूद इसके सूत्र बता रहे हैं कि जेडीयू ने अब तक 25 लाख से ज्यादा नए सदस्य बना लिए हैं। सदस्यता अभियान अभी लगातार जारी रहेगा लिहाजा मेंबरशिप नंबर और इजाफा होना तय है। संगठन विस्तार के साथ-साथ उसे कैसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जाए आरसीपी सिंह ने इस पर भी रणनीति बना ली है। 18 अगस्त को पार्टी के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है उनके साथ साथ जिला पर्यवेक्षकों को भी यह बताया जाएगा कि संगठन चुनाव तो पारदर्शी तरीके से संपन्न कराए। यह कहना गलत नहीं होगा कि जेडीयू के अंदर आरसीपी सिंह अब संगठन का पर्याय बन चुके हैं। पार्टी के प्रखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर के तमाम नेताओं के बीच उनकी अपनी खास पकड़ है।