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1st Bihar Published by: Updated Sat, 02 May 2020 05:25:18 PM IST
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PATNA : कोरोना महामारी के बीच गरीबों को मुफ्त अनाज देने के मामले पर हफ्ते भर से केंद्र सरकार और बिहार सरकार के बीच चल रही खटपट अब आमने-सामने के टकराव में बदल गई है. बिहार सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के साथ भेदभाव कर रहा है. राज्य के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मामलों के मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि कोरोना जैसे संकट काल में बिहार के गरीबों को उनका अधिकार देने की बजाय केंद्र सरकार बिहार के साथ भेदभाव कर रही है.
बिहार में गरीबों को महामारी के बीच राशन दिए जाने के मामले पर राज्य की तरफ से लगातार केंद्र से 75000 मीट्रिक टन अतिरिक्त अनाज की मांग की जा रही थी. लेकिन केंद्र सरकार ने बिहार की इस मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पहले लाभुकों का पूरा डेटाबेस मुहैया कराया जाए. बिहार में लगभग 30 लाख राशन कार्ड अभी भी लंबित है और सरकार कह रही है कि वह जल्द ही लाभुकों को राशन कार्ड जारी कर देगी. लेकिन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना लाभुकों के नाम और डिटेल के अतिरिक्त अनाज नहीं दिया जा सकता. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तरफ से बिहार सरकार की मांग खारिज किए जाने के बाद अब राज्य सरकार के मंत्री ने फोन पर सीधा आरोप लगाया है.
मदन सहनी ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि वे बिहार के गरीबों को इस मुसीबत की घड़ी में सहयोग करें. हमने जिन 30 लाख राशन कार्ड धारकों के लिए मांग की है, अभी क्या जनगणना 2021 तक गरीबों को अनाज ही नहीं मिलेगा? किसको पता था कि इस वक्त कोरोना जैसी महामारी आ जाएगी. संकट का समय है. केंद्रीय मंत्री फिर से विचार करते हुए बिहार के गरीबों के साथ इंसाफ करें. मंत्री मदन साहनी ने बताया कि PDS पोर्टल पर बिहार के कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या वर्ष 2016 में मात्र 857.12 लाख को अपलोड किया गया था. जन वितरण प्रणाली के तहत बिहार राज्य द्वारा पात्र लाभुकों को पारदर्शी ढंग से ऑनलाइन राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से कार्ड निर्गत किया गया है.