NALNADA : रामनवमी के अगले दिन बिहार शरीफ में हुए हिंसा मामले में अब बड़ा खुलासा किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि यहां सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर लोगों को उन्माद के लिए उकसाया गया है। लोगों को इकट्ठा कर जानबूझकर इस तरीके के उपद्रव को बिहारशरीफ में अंजाम दिया गया है।
दरअसल, बिहारशरीफ में हुए हिंसा मामले में खुलासा करते हुए पुलिस मुख्यालय के तरफ से यह जानकारी दी गई है कि इस मामले की जांच इओयू कर रही है। आर्थिक अपराध इकाई के जांच में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक जो खुलासे हुए हैं वह चौंकाने वाला है।
आर्थिक अपराध इकाई ने कहा है कि बिहार शरीफ में उपद्रव फैलाने के लिए सोशल मीडिया को हथियार बनाया गया। सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट किए गए। इसके जरिए लोगों को एकजुट किया गया और उसके बाद उपद्रव किया गया। हालांकि अब तक इस मामले में 15 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं और तकरीबन 104 नामजद और 100 अज्ञात लोगों को अरेस्ट भी कर लिया गया है।
आपको बताते चलें कि, रामनवमी हिंसा के बाद बिहार शरीफ में 8 दिनों तक इंटरनेट सेवा ठप रही थी। शनिवार से बिहार शरीफ में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है और लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी है। हालांकि अब भी चार लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी है। स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। अब तक पुलिस को नौ भगोड़ों के खिलाफ संपत्ति की कुर्की का वारंट मिला है। फरार आरोपियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू हो गई है। जबकि बिहार थाना क्षेत्र में कई आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। वहीं, अब यहां शाम 5 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति दी गई है।