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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Mon, 15 Jan 2024 01:19:33 PM IST
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PATNA: एक तरफ जहां लालू-तेजस्वी सनातन धर्म के महापर्व मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज आयोजित कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के नेताओं ने सनातन धर्म और हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। खुद को महिसासुर का वंशज बताने वाले आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक बार फिर श्रीराम, मां सरस्वती के अस्तित्व पर सवाल उठाया और सावित्रीबाई फुले को शिक्षा की देवी बता दिया।
दरअसल, एक तरफ तो आरजेडी के नेता सनानत धर्म और हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ जहर उगल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके चीफ लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव मकर संक्रांति का पर्व मना रहे हैं और दही-चूड़ा का भोज आयोजित कर रहे हैं। इस भोज में शामिल होने पहुंचे डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक बार फिर कहा है कि वे श्री राम और शिक्षा की देवी मां सरस्वती को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फूले हैं।
फतेह बहादुर ने कहा कि लालू के भोज में लोग दही-चूड़ा खाकर जा रहे हैं और शपथ ले रहे हैं कि केंद्र में जो नरेंद्र मोदी की सरकार है उसे मिटाना है और संविधान को बचाना है। विवादित बयान क्यों दे रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जो बातें उन्होंने कही है पहले कोई उसका जवाब दे दे उसके बाद सवाल पूछे। जिस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने काल्पनिक मान लिया है उस चीज को मामने का मतलब ही नहीं है, आपलोग सुप्रीम कोर्ट से जाकर पूछिए। विधायक ने कहा कि शिक्षा की देवी मां सरस्वती नहीं बल्कि सावित्रीबाई फूले हैं। शिक्षा में सरस्वती की क्या भूमिका है?