रक्षा बंधन के दिन राखी की जगह शिक्षकों ने हाथ में बांधी काली पट्टी, छात्राओं के हाथों स्कूल में छात्रों को बंधवाया गया राखी

रक्षा बंधन के दिन राखी की जगह शिक्षकों ने हाथ में बांधी काली पट्टी, छात्राओं के हाथों स्कूल में छात्रों को बंधवाया गया राखी

VAISHALI: रक्षाबंधन के दिन वैशाली के एक सरकारी स्कूल में शिक्षकों के राखी की जगह हाथ में काली पट्टी बांधी। तो वही छात्राओं के हाथों स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के हाथ में राखी बंधवायी गयी। रक्षा बंधन की छुट्टी रद्द होने के बावजूद स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कम दिखी। सरकार के इस फरमान को लेकर शिक्षकों ने खासा आक्रोश देखने को मिला। शिक्षकों ने नीतीश सरकार को तानाशाह बताते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ था। अपने कार्यकाल में यह पहली बार देखने को मिला कि हम रक्षा बंधन के दिन भी पढ़ाने के लिए स्कूल आए हैं।


सरकार के इस फरमान के खिलाफ शिक्षक राखी के जगह बांह पर काली पट्टियां बांधकर स्कूल पहुंचे थे। वहीं छात्रों की उपस्थिति भी स्कूल में बेहद कम थी। जो बच्चे स्कूल पहुंचे थे उन्हें राखी बंधवाया गया। वहां पढ़ने वाली छात्राओं से छात्रों के हाथ में राखी बंधवाया गया। वैशाली के भगवानपुर और गौरौल प्रखंड सहित कई प्रखंडों के स्कूलों में रक्षा बंधन के दिन बेहद कम संख्या में छात्र पहुंचे थे। आज के दिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने तमाम सरकारी स्कूलों को खोलने का निर्देश दिया था। उनके इस आदेश के बाद स्कूलों को खोला भी गया। शिक्षक स्कूल आए भी लेकिन बच्चों की उपस्थिति बेहद कम रही। 


रक्षाबंधन के दिन स्कूल खोलने के निर्देश को शिक्षकों ने तानाशाही बताया। शिक्षकों का कहना था कि जब बच्चे स्कूल में नहीं आएंगे तो शिक्षक आकर क्या करेंगे? शिक्षकों का कहना था कि पठन-पाठन में बिहार सरकार के द्वारा बहुत अच्छा काम किया जा रहा है जिसका हम समर्थन करते हैं लेकिन पर्व त्यौहार में शिक्षकों की छुट्टियों को रद्द कर देना कही से उचित नहीं है। हम लोग स्कूल आए हैं काम कर रहे हैं लेकिन काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध भी जता रहे हैं। वही महिला शिक्षिका ज्योति भारती का कहना था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को रक्षा बंधन की बधाई दी है वही स्कूलों को खोलकर रखा गया है जबकि महिलाओं को घर में कई तरह के काम रहते हैं। स्कूल खुले हैं लेकिन बच्चे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में स्कूल खुला रखने का क्या फायदा? 


शिक्षिका ज्योति भारती का कहना था कि शिक्षा विभाग ने 14 छुट्टियां रद्द की है। जिसमें महिलाओं से जुड़ा पर्व जितिया, तीज, रक्षा बंधन, दीपावली को भी शामिल किया गया है। इन पर्वों में पहले से ही छुट्टियां मिलता रहा है जो हमारा नैतिक अधिकार भी है। बता दे कि रक्षाबंधन में छुट्टियां रद्द होने के बाद स्कूल की एक छात्रा का वीडियो भी वायरल हुआ था जितने छात्र ने कहा था कि सरकार को बहन नहीं है इसीलिए राखी की छुट्टी नहीं दी गई है और अब शिक्षकों का काली पट्टी बांधकर स्कूल में आना यह दर्शाता है कि छुट्टियां रद्द होने से शिक्षकों में खासा आक्रोश है। वही कई स्कूलों में आज शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति को शिक्षकों ने जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। नीतीश सरकार के इस फैसले का बिहार में शिक्षक कड़ा विरोध कर रहे हैं।