राज्यमंत्री अगली कतार में, कैबिनेट मंत्री पीछे बैठे: NDA की बैठक में गिरिराज सिंह का बुरा हाल, कटाक्ष भी सुनना पड़ा

राज्यमंत्री अगली कतार में, कैबिनेट मंत्री पीछे बैठे: NDA की बैठक में गिरिराज सिंह का बुरा हाल, कटाक्ष भी सुनना पड़ा

PATNA: 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए सोमवार को पटना में एनडीए की पहली साझा बैठक हुई. नीतीश कुमार के आवास पर हुई इस बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहुंचे थे. लेकिन वहां उनका जो हाल हुआ, वह बेहद दिलचस्प है.


गिरिराज सिंह का बुरा हाल

एनडीए की बैठक के लिए जो मंच बनाया गया था, उसमें तीन कतार में कुर्सियां रखी गयी थी. पहली कतार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, RLSP के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हम पार्टी के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन के साथ साथ जेडीयू कोटे के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर को जगह दी गयी थी. 


बैठक में शामिल होने पहुंचे केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह को मंच पर जगह तो मिली लेकिन दूसरी कतार में. ये नजारा दिलचस्प था कि मंच पर गिरिराज सिंह से ठीक आगे केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर बैठे थे. बैठक में सिर्फ तीन केंद्रीय मंत्री मौजूद थे औऱ उनमें सिर्फ गिरिराज सिंह ही ऐसे थे जिन्हें अगली कतार में जगह नहीं मिली. गिरिराज सिंह उस लाइन में बैठे, जिसमें सिर्फ सांसद बैठे थे. गिरिराज के साथ सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल, ऱाधामोहन सिंह, कौशलेंद्र कुमार, संजय जायसवाल उसी लाइन में बैठे थे. 


बता दें कि जो प्रोटोकॉल है उसके मुताबिक केंद्रीय मंत्री का ओहदा किसी राज्य के मुख्यमंत्री के बराबर होता है. लेकिन एनडीए की बैठक में दो-दो डिप्टी सीएम, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और यहां तक कि केंद्र सरकार के राज्य मंत्री पहली कतार में बैठे और गिरिराज को दूसरी लाइन में जगह मिली. लिहाजा पूरी बैठक के दौरान गिरिराज सिंह खामोश बैठे दूसरे नेताओं का भाषण सुनते रहे. 


ललन सिंह ने कटाक्ष किया

बैठक में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गिरिराज सिंह को लेकर कटाक्ष भी किया. ललन सिंह ने कहा कि बिहार में एनडीए को समन्वय बना कर एक एजेंडे पर काम करना चाहिये. लेकिन गिरिराज सिंह का अपना अलग एजेंडा चलता रहता है. 


गिरिराज से नाराजगी

दरअसल गिरिराज सिंह की यात्रा को लेकर एनडीए में घमासान मचा था. गिरिराज सिंह ने 18 से 22 अक्टूबर तक बिहार के सीमांचल के पांच जिलों में हिन्दू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी. गिरिराज की इस यात्रा का जेडीयू के कई नेताओं ने विरोध किया था. जेडीयू नेताओं ने कहा था कि गिरिराज तनाव बढ़ाना चाहते हैं. इसके बाद इस यात्रा से उनकी पार्टी बीजेपी ने ही पल्ला झाड़ लिया था. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सफाई दी थी कि गिरिराज सिंह की यात्रा उनकी निजी यात्रा है और इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. 


गिरिराज सिंह की इस यात्रा से पहले भी उनके बयानों पर जेडीयू के नेता एतराज जताते रहे हैं. ऐसे में शुरू से ही गिरिराज सिंह औऱ जेडीयू नेताओं के बीच तल्खी बना रही है. आज हुई एनडीए की बैठक में ये गिरिराज सिंह के हाल से यही तल्खी फिर से सामने आयी. खास बात ये भी है कि गिरिराज सिंह की अपनी पार्टी बीजेपी ने भी अपनें केंद्रीय मंत्री को सम्मान देने या दिलाने की कोई कोशिश नहीं की