PATNA : उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला भारत की आजादी के वक्त का पुल जिसे हम बखूबी राजेन्द्र पुल के नाम से जानते हैं संभवत: कल यानि दो दिसंबर से बंद हो जाएगा। ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं रेलवे के लेटर के बाद आज रेल प्रशासन और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच दो दिसंबर को होने वाली बैठक में इसका फैसला हो जाएगा।
बेगूसराय जिले के सिमरिया और पटना जिले के हाथीदह के बीच बने राजेंद्र सेतु के जर्जर होने की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। इस पुल पर कई बार सड़क मार्ग से गाड़ियों के परिचालन को रोका गया और पुल की मरम्मती के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई लेकिन मरम्मती के बाद महज 6 महीने के भीतर ही दोबारा पुल जीर्ण-शीर्ण हो गया और गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगी।
रेलवे ने हादसे की आशंका जताते हुए एनएचएआई को पुल पर परिचालन बंद करने का निर्देश दिया है। रेलवे के मुताबिक सड़क मार्ग में लगाए गए गाटर कभी भी टूट कर रेल पटरी पर गिर सकती है, इससे किसी भी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता । पूर्व में भी निर्देश दिए गए हैं कि 18 टन से भारी वाहनों का परिचालन इस पुल पर संभव नहीं है लेकिन प्रशासनिक लापरवाही एवं एनएचआई के द्वारा सही देखरेख नहीं होने की वजह से ट्रांसपोर्टरों के द्वारा इनकी लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही थी।
बेगूसराय को बिहार की औद्योगिक नगरी कहा जाता है यहां बरौनी रिफाइनरी समेत कई छोटी-छोटी व्यवसायिक इकाईयां स्थापित हैं। पुल के बंद होने की स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभाव बरौनी रिफाइनरी पर ही पड़ेगा और पेट्रोल डीजल सहित गैस की किल्लत भी पूरे बिहार की जनता को भुगतना पड़ सकता है। पुल की जर्जर स्थिति एवं परिचालन बंद होने की बात सामने आने के बाद स्थानीय लोगों एवं ट्रांसपोर्टरों और व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन की पहल पर रेलवे और एनएचएआई की बैठक हो रही है जिसमें आगे का फैसला होगा।