राहुल का बीजेपी पर बड़ा वार.. हिंदुत्ववादियों को बाहर निकालना है, एक बार फिर हिंदुओं का राज लाना है

राहुल का बीजेपी पर बड़ा वार.. हिंदुत्ववादियों को बाहर निकालना है, एक बार फिर हिंदुओं का राज लाना है

DESK : देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेस राजस्थान की राजधानी जयपुर में 'महंगाई हटाओ महारैली' कर रही है. इस दौरान कांग्रेस ने बीजेपी को उसके ही तीर से निशाना साधा है. बीजेपी के सबसे बड़े हथियार हिंदुत्व पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधा है. 


राहुल गांधी ने कहा कि ये देश हिंदूओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं है और आज इस देश में महंगाई, दर्द, दुख है तो ये काम हिंदुत्ववादियों ने किया है. हिंदुत्ववादियों को किसी भी हालत में सत्ता चाहिए. 2014 से हिंदुत्ववादियों का राज है. हमें हिंदुत्ववादियों को बाहर निकालालना है. "एक बार फिर हिंदुओं का राज लाना है" 


राहुल गांधी ने कहा, हिंदू और हिंदुत्ववादी शब्द एक नहीं है, ये दो अलग-अलग शब्द है और इनका मतलब भी अलग है. मैं हिंदू हूं मगर हिंदुत्ववादी नहीं हूं. महात्मा गांधी हिंदू और गोडसे हिंदुत्ववादी. चाहे कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढता है.


महात्मा गांधी ने पूरी जिंदगी सच को ढूंढने बिता दिया और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने उनकी छाती में तीन गोली मारी. हिंदुत्ववादी अपनी पूरी जिंदगी सत्ता को खोजने में लगा देता है उसको सत्य से कुछ लेना देना नहीं है उसे सिर्फ सत्ता चाहिए और उसके लिए वो कुछ भी कर देगा.


हिन्दू कौन जो सबसे गले लगता है, हिन्दू कौन जो किसी से नहीं डरता है. आप रामायण, गीता, उपनिषद चाहे कोई धर्मग्रंथ पढ़िए कहां लिखा है किसी गरीब को मारना है, किसी गरीब को कुचलना है. मुझे दिखाइए कहां ऐसा लिखा है. गीता में लिखा है सत्य के लिए युद्ध करो. कृष्ण ने अर्जुन से कहा अपने भाइयों को सच्चाई के लिए मारो, उन्होंने कभी नहीं कहा की सत्ता के लिए मारो.



राहुल गांधी ने कहा कि रैली महंगाई के बारे में है, बेरोजगारी के बारे में है, आम जनता को जो दर्द हो रहा है उसके बारे में है. देश की आज जो हालत है वह सबको दिख रहा है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. पूरा का पूरा ध्यान चार-पांच पूंजीपतियों पर है. हिन्दुस्तान के सारे इंस्टिट्यूशन एक संगठन के हाथ में है. मं


देश को तीन-चार पूंजीपति चला रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री पूंजीपतियों का काम कर रहे हैं. नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू किया गया, काले कानून बनाए गए और कोरोना के समय देश की जनकी की हालत देखी. अगर इन चीजों पर बोलने से पहले मैं आज आपसे एक दूसरे बात करना चाहता हूं. देश के सामने कौन सा युद्ध है. युद्ध कौन सी विचारधाराओं के बीच में है.