DESK : भारतीय वायु सेना में कुछ दिनों पहले ही फ़्रांस निर्मित राफेल विमान को शामिल किया गया था. ये फाइटर जेट दुश्मनों के छके छुड़ाने के लिए काफी है. जितनी चर्चा इस विमान की है उतनी ही चर्चा इसको उड़ने वालों की है. फ्रांस में महीनों की ट्रेनिंग लेने के बाद पांच पायलट इस विमान को लेकर भारत आए थे, लेकिन भारतीय वायु सेना ने अन्य पायलटों को भी इसको उड़ने के लिए ट्रेन करने की तैयारी में है.
आधुनिक तकनीक से लैस इन विमानों को उड़ने के लिए भारतीय वायु सेना ने महिला फाइटर पायलटों को भी ट्रेन करने की सोची है. इसमें सबसे पहला नाम शिवांगी सिंह का है. शिवांगी पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की रहने वाली हैं. बनारस में पली बढ़ीं और बीएचयू से एनसीसी करने के बाद शिवांगी को भारतीय वायु सेना के राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का सौभाग्य हासिल किया है. ये बनारस ही नहीं बल्कि देश के लिए गौरव की बात है.
वर्ष 2017 में महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच के हिस्से के रूप में शिवांगी सिंह को भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला था. जल्द ही शिवांगी अंबाला में मौजूद भारतीय वायु सेना की 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में शामिल हो जाएगी. इससे पहले शिवांगी ने मिग -21 बाइसन और सुखोई एमकेआई जैसा विमान भी उड़ा चुकीं हैं. वह अंबाला में भारत के सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान के साथ भी काम कर चुकी हैं.
मीडिया से बातचीत में शिवांगी के पिता ने बताया कि उसका सपना था कि वह विमान उड़ाएं. शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि हम लोगों को गर्व है कि हमारी बेटी बनारस के साथ ही देश का नाम रोशन करेगी. शिवांगी ने 2013 से 2016 तक बीएचयू के एनसीसी का प्रशिक्षण लिया था और सनबीम भगवानपुर से बीएससी किया था. शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी हैं और भाई मयंक बनारस में 12 वीं का छात्र है. सामान्य परिवार में रहने के बाद भी बेटी के सपने देश की उंचाईयों पर जाने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. पिता ने कहा - 'बेटी राफेल उड़ाएगी इससे बड़ी खुशी पिता के लिए क्या हो सकती है.'