DESK: कांग्रेस सरकार की विदाई के बाद अब पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने की कवायद शुरू हो गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने की फाइल भेजी है। पुदुचेरी में अप्रैल-जून में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस सरकार गिरने के बाद विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी ने अपना इस्तीफा उप-राज्यपाल को सौंप दिया था कांग्रेस की विदाई के बाद विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया इस वजह से उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने राज्य में सरकार बनाने से मना कर दिया है।
कांग्रेस के 5 और DMK के एक विधायक ने इस्तीफा दे सौंपा था जिसके बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गयी थी उप-राज्यपाल ने तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। इस्तीफे के कारण विस में विधायकों की संख्या 26 है जिसमें से कांग्रेस सरकार के पास सिर्फ (11+1) विधायक हैं। जबकि विपक्ष के पास 14 विधायक हैं। इसमें AINRC के 7 विधायक और AIDMK के 3 विधायक शामिल हैं। इसके अलावा 3 विधायक BJP के मनोनित हैं। CM वी. नारायणसामी ने यह मांग की थी कि निर्वाचित विधायकों में ही फ्लोर टेस्ट हो लेकिन स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया था। बहुमत गंवाने के बाद CM वी.नारायणसामी, उप-राज्यपाल के पास पहुंचे और अपने पूरे मंत्रिमंडल और कांग्रेस-डीएमके के साथ निर्दलीय विधायक का इस्तीफा सौंपा जिसे उपराज्यपाल ने मंजूर कर लिया।
जिसके बाद अब पुदुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने की कवायद तेज हो गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिरने के बाद उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है कि पुदुचेरी में अप्रैल-जून में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसे देखते हुए बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने राज्य में सरकार बनाने से मना कर दिया।
गौरतलब है कि पुदुचेरी का वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 8 जून 2021 को खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग कभी भी राज्य में चुनावों की तारीखों का एलान कर सकता है। यहां विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं और बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। पुदुचेरी के अलावा इस साल पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं।