DELHI : प्रमोशन में आरक्षण को लेकर केन्द्र सरकार फंसती दिख रही है। सरकार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर य़ाचिका में कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट प्रमोशन में आरक्षण से संबंधित मामले का निपटारा नही कर देता तब तक केंद्र सरकार को भी प्रमोशन में आरक्षण देने की अनुमति दी जाए।4 हफ्ते के बाद केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई होगी।
प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि आरएसएस और बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की आरक्षण खत्म करने की रणनीति है लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी। इस बीच, सरकार प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संसद में बयान देगी।
वहीं प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले के खिलाफ आज लोकसभा में लगातार हंगामा देखने को मिला। एलजेपी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान गुस्से से भर के नजर आए चिराग पासवान ने लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए सरकार से मांग की कि आरक्षण के तमाम बिंदुओं को संविधान की नौवीं अनुसूची में लाया जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शु्क्रवार को अपनी टिप्पणी में कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इसे लागू करना या न करना राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर करता है। कोर्ट ने कहा कि कोई अदालत एससी और एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के आदेश जारी नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी को विपक्षी नेता आरक्षण पर खतरे के तौर पर देख रहे हैं और इसपर सियासी बवाल शुरू हो गया है।