1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 17 Jul 2025 03:49:03 PM IST
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Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट रिवीजन पर तेजस्वी यादव ने फिर से सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि मतदाता सूची के गहन परीक्षण के नाम पर दलित और वंचित तबके के लोगों के नाम काटे जा रहे हैं। उन्होंने खासकर यादव बहुल क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की आशंका जताई है। तेजस्वी ने इस मुद्दे पर जल्द ही ठोस कार्रवाई का ऐलान किया है।
तेजस्वी ने कहा कि तीन दिन पहले 35 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने की खबर आई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह काम अभी शुरू ही होना है, तो यह जानकारी कैसे सामने आई। चुनाव आयोग ने बताया है कि रिवीजन के दौरान अब तक 35 लाख ऐसे मतदाता मिले हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, वे स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए हैं या उनका नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है। आयोग ने ऐसे मतदाताओं के नाम हटाने की बात कही है, और यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि यह प्रक्रिया 25 जुलाई तक जारी रहेगी।
तेजस्वी यादव का दावा है कि जिन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, उनमें अधिकांश यादव बहुल क्षेत्र के लोग हैं। महागठबंधन और खासकर आरजेडी को अपने वोटबैंक के टूटने का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 35 सीटें ऐसी थीं जहां जीत-हार का अंतर 3000 से कम था।
तेजस्वी ने बताया कि अगर प्रत्येक बूथ से 10 नाम हटाए गए तो एक विधानसभा क्षेत्र से लगभग 3200 वोटर कम हो जाएंगे, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित होंगे। उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर चुनिंदा बूथों और वर्गों के वोटरों को छांटने का आरोप भी लगाया।
बता दें कि बिहार में यादव जाति को आरजेडी का मुख्य वोटबैंक माना जाता है। पटना, समस्तीपुर, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों में यादवों की संख्या अच्छी-खासी है। 2023 की जातिगत गणना के अनुसार, यादवों की आबादी बिहार में सर्वाधिक 14.2 प्रतिशत है।